रायपुर. स्कंद पुराण में शीतला माता के स्वरूप का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है. इसके अनुसार, देवी शीतला आरोग्यता की देवी हैं, जिन्होंने हाथों में कलश, सूप, मार्जन (झाडू) तथा नीम के पत्ते धारण किए हुए हैं. गर्दभ उनकी सवारी है और उस पर वे अभय मुद्रा में विराजमान हैं.

स्कंद पुराण में इनकी अर्चना स्तोत्र शीतलाष्टक के नाम से दिया गया है. शीतला माता भगवती दुर्गा का ही रूप है. जब गर्मी प्रारंभ हो जाती है तो शरीर में अनेक प्रकार के पित्त विकार भी प्रारंभ हो जाते हैं. शीतला सप्तमी और शीतलाष्टमी व्रत से चेचक के रोगों से बचाने का प्राचीन काल से चला आ रहा व्रत है. आयुर्वेद की भाषा में चेचक का ही नाम शीतला कहा गया है. अतः इस उपासना से शारीरिक शुद्ध, मानसिक पवित्रता और खान-पान की सावधानियों का संदेश मिलता है.

शीतला अष्टमी के दिन व्रत रखने से और विधिवत पूजन से बीमारियां घर से दूर रहती हैं और परिवार के सदस्य निरोगी बने रहते हैं. इस दिन घर की रसोई में हाथ की पांचों अंगुलियों से घी दीवार पर लगाया जाता है. उसके बाद उस पर रोली और चावल लगाकर शीतला माता की आरती की जाती है. इसके अलावा घर के पास भी जल अर्पित किया जाता है, जो स्वच्छता का प्रतीक होता है. इस दिन बासी खाना माता को नैवैद्य के रूप में चढ़ाया जाता है, जिसे बाद में प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन के बाद बासी खाना बंद कर देना चाहिए.

शीतला अष्टमी व्रत विधि

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दिन न तो आग जलाते हैं और न ही कुछ पकाते हैं. लोग सुबह जल्दी उठते हैं और सूर्योदय से पहले ठंडे पानी से स्नान करते हैं. स्नान करने के बाद, भक्तों को देवता के मंदिर में जाने और विभिन्न अनुष्ठानों को करने की आवश्यकता होती है. देवी को कई तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं. जैसे दही, राबड़ी, गुड़ और कई अन्य आवश्यक वस्तुएं. इसके बाद, भक्त बुजुर्ग लोगों से दिव्य आशीर्वाद लेते हैं.

देवी को भोग अर्पित करने के बाद बचा हुआ भोजन भक्तों द्वारा पवित्र भोजन (प्रसाद) के रूप में पूरे दिन खाया जाता है. अच्छे वर की प्राप्ति के लिए निर्धनों और जरूरतमंद लोगों को भोजन भी दान किया जाता है. अच्छे स्वास्थ्य के लिए और किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाने के लिए भक्त इस दिन उपवास भी रखते हैं. भक्त शीतला अष्टमी के दिन शीतलाष्टक का पाठ भी करते हैं, ताकि देवता के दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति हो सके.