आज़ाद सक्सेना, दंतेवाड़ा. एक बार फिर नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम देकर गांव की खुशियों को मातम में बदल दिया है. मड़ई मेला में ग्रामीणों के साथ ढोल नगाड़े बजाकर नाच गा रहे सरपंच जोगा कुंजाम को माओवादियों ने मौत के घाट उतार दिया है. नक्सलियों ने हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए फटाका फोड़ा. घटना के बाद नक्सलियों ने पर्चा भी फेंका है. ग्रामीणों में नक्सलियों के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है.
बता दें कि, दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों ने खूनी खेल खेलते हुए हिरोली ग्राम पंचायत के सरपंच जोगा कुंजाम को मौत के घाट उतार दिया. 22 से 24 तारीख तक गांव में मेला चल रहा था. सब अपने अपने देवी-देवताओं की पूजा कर नाच गा रहे थे. इसी मौके फायदा उठाकर एक नक्सली ने ग्रामीण वेषभूषा में पहुंचकर जोगा को अपने साथ बुला कर खेत की ओर ले गया, जहां बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद थे. वहीं पर जोगा के सर पर टंगिया से वार किया. साथ ही जिस्म में चाकू से कई वार कर सरपंच की हत्या कर दी. खूनी खेल खेलने के बाद नक्सलियों की गंगालूर एरिया कमेटी ने पर्चा भी फेंका है, जिसमें दहशतगर्दों ने जोगा को पुलिस का मुखबिर बताया है.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 3 दिनों से मेला चल रहा था सब खुश थे. अचानक फटाके की आवाज आई सब चौक गए. जब हम सबने सरपंच को आसपास खोजा तो सरपंच की लाश खेत मे पड़ी थी. नक्सलियों ने बिना गलती के ही हमारे सरपंच को मारा, अगर गलती भी होती है तो नक्सली 3 वार्निंग देते हैं. गांव वालों के सामने जनअदालत लगाते हैं. उसके बाद गलती होने पर सज़ा देते हैं. नक्सलियों के इस करतूत से गांव के लोगों में नक्सलियों में खिलाफ आक्रोश है.
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