नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने एक फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है और 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने तकनीकी सहायता के बहाने अमेरिकी नागरिकों से 35 लाख रुपये की ठगी की है. दक्षिण-पूर्वी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ईशा पांडे ने सोमवार को कहा कि आरोपियों की पहचान अर्जुन सिंह बिष्ट, कपिल सिंह नेगी, मोहम्मद तलहा, अंकित यादव, संतोष श्रीवास्तव, वेनेंगमाविया, मोहम्मद नादिर और आरिश बेग के रूप में हुई है. साइबर पुलिस स्टेशन में गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि जामिया नगर के ओखला विहार में फर्जी अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेंटर चल रहा है, इसलिए आरोपी को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई गई थी.

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अमेरिकी नागरिकों को धोखा देने का आरोप

डीसीपी ईशा पांडे ने कहा कि टीम ने उस स्थान पर छापा मारा, जहां 6 लोग विदेशियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत करते हुए पाए गए. पुलिस टीम को देखने के बाद उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन निगरानी टीम ने उन्हें काबू कर लिया. इस पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अमेजन इंक और पेपैल के अधिकारियों के रूप में कई भोले-भाले व्यक्तियों, खासतौर से अमेरिका के नागरिकों को धोखा दिया है. तकनीकी साधनों के माध्यम से आरोपी अपने नकली तकनीकी सहायता विज्ञापनों को प्राप्त करने में कामयाब रहे, जिसमें उनके वर्चुअल टोल फ्री नंबर ब्राउज किए गए पृष्ठों के शीर्ष पर प्रदर्शित होते हैं.

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जब्त कम्प्यूटर से करीब 35 लाख रुपये के लेन-देन की पुष्टि

जब पीड़ित अपनी शिकायत का निवारण करने या तकनीकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनसे संपर्क करेंगे, तो आरोपी को उनके सिस्टम में एक नकली एंटी-वायरस डाउनलोड किया जाएगा और इसके लिए अमेजन, गूगल पे और टारगेट से उपहार कार्ड के रूप में भुगतान प्राप्त होगा. अब तक की गई जांच में आरोपियों के पास से जब्त कम्प्यूटर से करीब 35 लाख रुपये के लेन-देन की पुष्टि हुई है.