रायपुर। सीएम भूपेश बघेल न्यू सर्किट हाउस में आयोजित छत्तीसगढ़ शासकीय अभिभाषक और लोक अभियोजक के सम्मान समारोह में शामिल हुए. इस दौरान सीएम बघेल ने कहा कि इस साल का बजट ऐसा रहा की कोई वर्ग नहीं है, जो छूटा हो, किसानों को, मजदूरों को, सरकारी वकीलों को सबको देने के बाद 15 साल बाद 701 करोड़ रुपए का सरप्लस बजट रहा, समाज में वकीलों का ऊंचा स्थान है. जब हम संकट में जाते हैं, तब वकीलों के पास जाते हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की हाज़िर जवाबी से सरकारी वकील मुरीद हो गए. वहीं महिला वकील ने मानदेय फिक्स करने की जब मांग की, तो मुख्यमंत्री ने बैठाया और कहा कि जज साहब भी तुरंत फैसला नहीं सुनाते, प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, उसी तरह आपकी मांग को प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि वित्तमंत्री के रूप में मैं वित्त काटता हूं, फिर मुख्यमंत्री के रूप में मान जाता हूं, मांग पर वित्त मंत्री के रूप में मैं कांट छांट करता हूं और फिर मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करता हूं, वित्तीय अनुशासन भी ज़रूरी है, इससे हाल ठहाकों से गूंज उठा.
इस दौरान सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ के शासकीय अभिभाषकों की तरफ से आयोजित सम्मान कार्यक्रम को लेकर शेर पढ़ा. सीएम बघेल ने कहा कि ना तुम्हें काम से है फुरसत, न हम ही गम से हैं खाली, चलो इस बहाने से मुलाकात हो गई, नहीं तो न तुम खाली न हम खाली.