संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के प्रांतीय आव्हान पर 12 सूत्री मांगों को लेकर वन विभाग के कर्मचारियों का पिछले 10 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. वही हड़ताल के चलते वनक्षेत्र में मौजूद वन्यजीव और पेड़ पौधे खतरे में है. एकतरफ वनकर्मियों का हड़ताल जारी है तो दूसरी तरफ गर्मी आते ही चारो तरफ जंगल आग की चपेट में है. कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण इन पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है. सेटेलाइट के जरिए मिल रही सूचनाओं के मुताबिक एटीआर के जंगल मे रोजाना आग लग रही है. साथ ही जंगल मे आग लगने से वन्यजीव भी संकट में है.
बता दें कि, छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ द्वारा लम्बे समय से मांग के बाद भी उनकी मांगों का निराकरण नहीं होने से नाराज वन कर्मचारी संघ के सैकड़ों कर्मचारी पिछले 10 दिनों से वन परिक्षेत्र कार्यालय परिसर लोरमी में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिनकी मांग को जायज बताते हुए जिला पंचायत सदस्य शीलू साहू समर्थन में धरना स्थल पहुंची. वहीं इस हड़ताल में मुंगेली वनमण्डल और एटीआर के करीब 200 कर्मचारी शामिल है.
छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार साहू ने कहा कि, हम सभी कर्मचारी जंगलों की सुरक्षा के लिए 24 घण्टे ड्यूटी करते है. लेकिन उसके अनुरूप वेतन नहीं मिलता. हमारे वेतन ग्रेड पे में वृद्धि किया जाए. हमारी 12 सूत्री मांगे हैं जिसके पूरा होने तक आंदोलन जारी रहेगा. वन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से जंगल की सुरक्षा अब खतरे में है. क्योंकि सैकड़ों की संख्या में वन कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे जंगलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसी कमरों में बैठे अधिकारियों के ऊपर आ चुकी है. जिसके कारण जंगलों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं, कि अब इन जंगलों की सुरक्षा कौन करेगा.
हालांकि बंद कर्मचारियों के हड़ताल में रहने से जंगल में अलग-अलग क्षेत्रों में फैल रही आग से परेशानी तो हो रही है. लेकिन मुंगेली वनमंडल के डीएफओ के निर्देश पर खुड़िया रेंजर विक्रांत कुमार विजेंद्र एसडीओ मानवेंद्र सहित फायर वाचकों द्वारा आग लगने की सूचना पर उसे बुझाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्लोअर का सहारा भी लिया जा रहा है. यह पेट्रोल से चलने वाला यंत्र है. यह जमीन पर गिरी सूखी पत्तियों में लगी आग को तेज हवाओं से बुझाता है.
छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ आह्वान पर 21 मार्च से वनमण्डल के कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से वानिकी कार्यों में व्यापक असर पड़ा है. बावजूद उसके, मौके पर उपस्थित होकर वनाधिकारियों द्वारा आवश्यक वानिकी कार्यों का संचालन किया जा रहा है. गर्मी का समय “वन और वन्यजीवों” के लिए बहुत संघर्ष का समय होता है. इस समय वनों में आग लगना और वन्यजीवों के लिए पानी आवश्यकता सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं. आग को रोकने और शिकार पर नियंत्रण के लिए मौके पर लगातार डीएफओ, एसडीओ और रेंजर खुड़िया के द्वारा रात्रि गश्त के साथ लोगो में अग्नि सुरक्षा और वन्यजीवों की रक्षा के लिए गांवो में सभा, मुनादी के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
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