इस्लामाबाद। आखिरकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिस सरप्राइज की बात कह रहे थे, वह हकीकत में तब्दील हो गई. प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है. अब अगले 90 दिनों में चुनाव के साथ नई सरकार का गठन होगा. इसके पहले पाकिस्तान नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.

पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद राष्ट्रपति के संसद को भंग किए जाने का असर दिखाई देने लगा है. पाकिस्तान के एटार्नी जनरल खालिद जावेद ने इस्तीफा दे दिया है. अटार्नी जनरल ने इसके पहले अदालत में अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष के आरोपों पर सरकार की ओर से हर सूरत में वोटिंग कराने का भरोसा दिलाया था, लेकिन बदली परिस्थिति में अदालत में पक्ष रखने में होने वाली दिक्कत को देखते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देना ही मुनासिब समझा है.

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वहीं दूसरी ओर संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर विपक्ष की आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए स्पेशल बेंच का गठन किया है, जो विपक्ष के आरोपों पर विचार कर निर्णय लेगी. तमाम जानकार मान रहे हैं कि पहले नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर, फिर प्रधानमंत्री इमरान खान और आखिरी में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के फैसले को असंवैधानिक है. ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के स्पेशल बेंच का फैसला अहम होगा.

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