सत्यपाल राजपूत, रायपुर. चोरी ऊपर से सीनाजोरी ये कहावत छत्तीसगढ़ के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज वाले चरितार्थ कर रहे हैं. ये बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि मेडिकल शिक्षा संचालक कह रहे हैं. निजी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. साथ ही आदेश पालन नहीं करने पर नोटिस जारी किया जाता है, उस पर जवाब भी नहीं दिया जा रहा है.

दरअसल पूरा मामला स्टाइप फंड का है. अब सरकारी कॉलेजों की भांति ही निर्धारित राशि प्राइवेट कॉलेजों में भी जूनियर डॉक्टरों को स्टाइ फंड देना होगा, लेकिन रायपुर के निजी रिम्स मेडिकल कॉलेज इस नियम का उल्लंघन ही नहीं किया, बल्कि नियम पालन कराने के लिए जारी नोटिस का भी जवाब देना उचित नहीं समझा. मेडिकल शिक्षा संचालक डॉक्टर विष्णु दत्त ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों ने शिकायत की थी कि उनको स्टाइ फंड नहीं दिया जा रहा है. इसको लेकर रिम्स रायपुर को नोटिस जारी किया गया था और जवाब मांगा गया था, लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है. इसलिए फिर नोटिस जारी किया जाएगा. उसके बाद भी जवाब नहीं आने पर नियमानुसार आगे कार्रवाई की जाएगी.

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वहीं नाम नहीं बताने की शर्त में जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि फीस विनियामंक आयोग से अभी मेडिकल पढ़ाई का फीस निर्धारित नहीं है, उसके बावजूद मोटी रकम ली जा रही है. और ये कहा जाता है कि अगर राशी काम निर्धारित होने अतिरिक्त रकम वापस किया जाएगा और ज्यादा निर्धारित होने पर लिया जाएगा. इसी आधार पर अब मेडिकल कॉलेजों को स्टाइप फंड देना चाहिए कि जो सरकारी मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित है. फिलहाल वही राशि दी जानी चाहिए कम ज्यादा राशि निर्धारित होने पर बाद में हम भी काम ज्यादा निर्धारित होने पर हम से वापस लिया जाए, हम इसके लिए तैयार हैं.

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