सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां लापरवाह सिस्टम का कारनामा देखने को मिला है. 2 मृत कर्मचारी और 7 सेवानिवृत्त अलग-अलग कर्मचारियों का डिमोशन कर दिया गया है. टोटल 50 अलग अलग कर्मचारी प्रभावित हुए हैं.
इस मामले को लेकर अब अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी परिषद के बैनर तले क्रमिक भूख हड़ताल जारी है. संघ के महासचिव शंकर लाल कुंजाम ने कहा कि प्रभावित कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं. मृतक कर्मचारियों के परिजन आदेश से परेशान हैं. ये सब मामला पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय का है.
मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारी कर्मचारियों के परफॉर्मेंस अच्छा नहीं होने पर सेवा पुस्तिका में प्रदर्शन ख़राब होने पर कार्रवाई करने का अधिकार नियम क़ानून ने दिया है, लेकिन मृतक व्यक्ति और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का डिमोशन सारे लोगों को हैरान परेशान कर दिया है. एक बार कि ये सिस्टम के कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
दरअसल पूरा मामला पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय का है. जहां 50 से ज़्यादा कर्मचारियों का डिमोशन कर दिया गया है, जिसमें दो मृतक कर्मचारी और सात सेवा निवृत्त कर्मचारी भी शामिल हैं. लापरवाह सिस्टम पर करियर में दाग़ लगाने का आरोप लगाया जा रहा है. प्रभावित कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. फ़िलहाल क्रमिक भूख हड़ताल जारी है.
अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष जीवन लाल सिरदार ने कहा कि आंख बंद करके आदेश जारी किया गया है. सिस्टम के कार्यप्रणाली इसी से समझा जा सकता है कि मृतक व्यक्ति का डिमोशन किया गया है. सेवानिवृत्त व्यक्तियों को भी डिमोशन कर दिया गया है.
जब तक इस तरह से गलती करने वाले पर कार्रवाई न हो और डिमोशन वापसी नहीं होती, तब तक हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर क्रमिक भूख हड़ताल करते रहेंगे. हमारी मांग है कि लोक आयोग जांच प्रकरण, शासन की सक्षम स्वीकृति, एवं विश्वविद्यालय पदोन्नति समिति के द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारियों को पदावनत धरने संबंधित अनुशंसा की छाया प्रति की मांग को लगातार कर रहे हैं, लेकिन ज़िम्मेदार न बात करने को तैयार है ना ही इसकी काॉपी दी जा रही है, जिसका हवाला दिया गया है.