दिल्ली. आज के समय में लोग संस्कृत भाषा को भुल गए हैं या युं कहा जाए की किसी को संस्कृत भाषा आती ही नहीं है. हर पंडितों को भी वैसी संस्कृत नहीं आती तो पहले के समय में लोग बोला करते थे. लेकिन, देश के कर्नाटक राज्य में एक ऐसा दुकान है जहां हर कोई Sanskrit ही बोलता है. खबर थोड़ी हैरान करने वाली है लेकिन ये बात सच है. कर्नाटक के बीजापुर शहर में 3R Garments के नाम की एक दुकान है जहां सब संस्कृत में बात करते हैं.

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बता दें कि इसे लेकर Dr. Mamata R. Singh के नाम के एक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट कर इसके बारे में बताया गया है. Dr. Mamata ने ट्वीट करते हुए लिखा कि – जड़ों और मूल्यों पर वापस. जरा सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान को देखिए. “3R गारमेंट्स” भारत में एकमात्र दुकान (बीजापुर, कर्नाटक में) जहां कर्मचारियों के बीच बोलने का माध्यम Sanskrit है. क्या यह दिलचस्प नहीं है?

संस्कृत भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है. संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा है. आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं. इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है. संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गए हैं. बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ Sanskrit में लिखे गए हैं.

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आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं. संस्कृत आमतौर पर कई पुरानी इंडो-आर्यन किस्मों को जोड़ती है. इनमें से सबसे पुरातन ऋग्वेद में पाया जाने वाला वैदिक संस्कृत है, जो 3000 ईसा पूर्व और 2000 ईसा पूर्व के बीच रचित 1,028 भजनों का एक संग्रह है, जो इंडो-आर्यन जनजातियों द्वारा आज के उत्तरी अफगानिस्तान और उत्तरी भारत में अफगानिस्तान से पूर्व की ओर पलायन करते हैं. वैदिक Sanskrit ने उपमहाद्वीप की प्राचीन प्राचीन भाषाओं के साथ बातचीत की, नए पौधों और जानवरों के नामों को अवशोषित किया, इसके अलावा, प्राचीन द्रविड़ भाषाओं ने संस्कृत के स्वर विज्ञान और वाक्य रचना को प्रभावित किया.