मथुरा. बांके बिहारी अपने भक्तों पर कृपा बरसाते है, अपनी भक्ति से लोग उनकी तरफ बांधे रहते हैं. भक्त उनकी तरफ खींचे चले आते है, उनकी कृपा पाकर लोग खुद को धन्य मानते है. ऐसे ही वृंदावन के ठाकुर जी के प्रति अटुट श्रध्दा रखने वाले कई कारोबारी ने अपने बिजनेस की कुछ हिस्सेदारी कृष्ण भगवान के नाम कर रखी है. इसके साथ ही ठाकुर जी को अपना बिजनेस पार्टनर भी बनाया है.
जानिए कौन है वे कारोबारी
मदरसन सूमी लिमिटेड कंपनी के मालिक चांद सहगल ठाकुर जी को अपना आराध्य मानते हैं और उन्होंने ठाकुर जी को अपना बिजनेस पार्टनर बना रखा है. हर साल 2-3 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी बिहारी जी को देते हैं. ऐसे ही कानपुर ऑयल के एक कारोबारी है, जो हर साल गुप्त दान करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग पैसा न देकर मंदिर की दीवारों पर चांदी मढ़वा देते है.
ठाकुर जी की भक्ति का एक दृश्य ऐसा भी…
रोजाना बांके बिहारी के मंदिर की डेहरी पर दिल्ली के कुछ कारोबारियों के दुकान की चांबी अर्पित की जाती है. फिर उसके बाद इस चांबी से दुकान खोलते है. रोजाना रात को एक श्रध्दालु सबकी चांबी लेकर उसे वृंदावन ले आता है और सुबह मंदिर की डेहरी में चढ़ा कर उसे वापस सबको दे देता है, जिससे सब दुकान खोल सकें.
देश ही नहीं विदेशों के लोग वृंदावन के बांके बिहारी के दर्शन पाने को ललायित होते है. बांके बिहारी के प्रति विश्वास रखते हुए वे अपने कारोबार का कुछ हिस्सा बांके बिहारी के चरणों में अर्पित करते हैं. नया वित्तिय वर्ष शुरु होते ही ठाकुर जी के खातें में करोड़ों की धनराशि आने लगती है. सबसे अधिक चढ़ावा दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आता है.
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12 साल पहले शुरु हुआ था दान का सिलसिला
बता दें कि पूरे उत्तरप्रदेश के सभी धार्मिक स्थल बनारस, अयोध्या के मंदिरों में से सबसे अधिक चढ़ावा मथुरा वृंदावन के ठाकुर जी को ही आता है. बांके बिहारी के मंदिर में हर साल दान देने का सिलसिला 12 वर्ष पहले शुरू हुआ था. बताया जाता है कि यहां हर साल 10 से 15 लाख रुपए का चढ़ावा बढ़ता जा रहा है.
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