शब्बीर अहमद, भोपाल। कोरोनाकाल में अपनी जान से खेल कर सेवाएं देने वाले अस्थाई हेल्थ वर्कर्स इन दिनों भीख मांगने को मजबूर हैं। एनएचएम ने 31 मार्च को इनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। जिसके बाद से इन कोरोना योद्धाओं ने राजधानी में डेरा डाल लिया है। गुरुवार को कोरोना योद्धाओं ने पीपीई किट पहनकर भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर भीख मांगकर अनोखा विरोध किया।

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कोरोना योद्धाओं का कहना है कि कोरोना के संकट काल में हमारी सेवाएं लेकर अब जब कोरोना के केस कम हो गए हैं तो एनएचएम ने हमें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी संविदा नियुक्ति के आदेश नहीं हो जाते तब तक हम अपने घर वापस नहीं जाएंगे। कोरोना योद्धाओं ने बताया कि भीषण संक्रमण के दौर में अपनी और परिवार की जान की परवाह किए बिना हमने अपनी सेवाएं दी। काम निकल जाने के बाद सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों को अब बाहर कर दिया है। इससे हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं।

कोरोना काल में दी गई थी अस्थाई नियुक्ति

प्रदेश में कोरोना काल में स्टाफ की कमी को देखते हुए सरकार ने इन स्वास्थ्य कर्मियों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर अस्थाई नियुक्ति दी थी। अब जरूरत खत्म होते ही सरकार ने इनकी सेवाएं खत्म कर दी है। ऐसे में अब ये स्वास्थ्य कर्मी स्थाई नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।

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