दिल्ली. देश में आए दिन कई तरह की चोरी की वारदात होते रहती है. चोरी की बहुत सारी अजीबो-गरीब वारदात सामने आती रहती है. लेकिन कभी आपने सुना है कि चोर पूरा का पूरा पुल ही चोरी कर ले गए. चोरी का यह अजीबो-गरीब मामला बिहार के रोहतास जिले से सामने आया है. यहां चोरों को ये अजीबो-गरीब कारनामा देखकर हर कोई हैरान हो गया है. इसके बारे में जानकर आप भी अपना माथा पकड़ लेंगे.

बता दें कि बिहार के रोहतास जिले में चोरों का मन जब पैसा, जेवर और कीमती सामानों से उब गया तो उन्होंने बड़ी चोरी करने का मन बना लिया. इस बड़ी चोरी में चोरों ने एक 60 फीट लंबा, दस फीट चौड़ा और बारह फीट ऊंचा पूरा का पूरा पुल चोरी कर लिया.

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बिहार में हुई अजीबोगरीब चोरी

रोहतास जिले के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर इलाके में एक नहर है. इस नहर पर बना लोहे का पुल रातों-रात गायब हो गया. पुल के गायब होने की खबर सामने आई तो लोगों को हैरानी हुई. जब लोगों ने जाकर देखा तो पता चला कि नहर पर बना 60 फीट लंबा, दस फीट चौड़ा और बारह फीट ऊंचा पुल गायब है. बताया जा रहा है कि चोर उस पुल को जेसीबी से उखाड़कर उसका लोहा ट्रक पर लादकर अपने साथ ले गए.

यहां चोरों ने रातों-रात इतनी बड़ी वारदात कर डाली और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. मजे की बात यह है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी होने का झांसा देकर चोरों ने स्थानीय विभागीय कर्मियों की मदद भी ली और उनकी मौजूदगी में पूरा पुल चुरा लिया. नहर पर स्थित कंक्रीट के पुल के समानांतर 25 फीट की दूरी पर एक लोहे का पुल था, जो कई दशक पुराना था. ग्रामीणों ने बताया कि उस पुल से पहले भी कई बार चोर लोहा निकालकर पिकअप पर लादकर ले जा चुके हैं. हालांकि इस बार चोर 60 फीट लंबा पुल ही चुरा ले गए. फिलहाल, यह पता नहीं चल पाया है कि चोर पुल से निकाले गए लोहे को कहां लेकर गए हैं.

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ट्रक पर लादकर ले गए पुल का लोहा

ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को चोर जेसीबी और ट्रक लेकर आए थे और दिनदहाड़े पुल उखाड़ रहे थे. जब उनसे ग्रामीणों ने सवाल पूछा तो चोरों ने बताया कि वह सिंचाई विभाग के कर्मचारी हैं. इसके बाद उन्होंने कटर से पुल के लोहे काटे और ट्रक पर लादकर उठा ले गए. गांव के लोग बताते हैं कि पहले लोग नाव से नहर पार करते थे, लेकिन साल 1966 में यात्रियों से भरी एक नाव नहर में डूब गई थी. इसके बाद साल 1972 से 1975 के बीच लोहे के पुल का निर्माण करवाया गया था. हालांकि, बाद में लोहे का पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था. फिर इसके समानांतर एक कंक्रीट के पुल का निर्माण करा दिया गया. इससे पुराने पुल से आवागमन बिल्कुल ही बंद हो गया और अब इसका उपयोग नहीं होता था. घटना के सामने आने के बाद जल संसाधन विभाग के जेई ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही है.