नई दिल्ली. सड़कों, ऐतिहासिक इमारतों के पास भीख मांगने वालों को हटाने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने कवायद शुरू कर दी है. भिखारियों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके, इसके लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल 50 भिखारियों को दो आश्रय गृह में जैम, जेली बनाने और रंगाई-पुताई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार प्रशिक्षण देकर भिखारियों को रोजगार भी दिलाएगी.
सरकार (Government) का कहना है कि यह प्रयास सफल रहा तो कार्यक्रम को अलग-अलग इलाके में शुरू किया जाएगा. दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने बीते साल नवंबर में भिखारियों को लेकर कराए गए सर्वे के बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम की घोषणा की थी. सर्वे में दिल्ली में कुल 20,719 भिखारी मिले थे. इस साल फरवरी के पहले सप्ताह से दो जगहों पर समाज कल्याण विभाग की ओर से मोजैक कंपनी प्रशिक्षण दे रही है.
रंगाई-पुताई का काम सीख रहे
रोशनआरा रोड आश्रय गृह में 25 पुरुषों को रंगाई-पुताई का काम सिखाया जा रहा है. वहीं, 25 महिलाओं को उर्दू बाजार रोड स्थित दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के आश्रय गृह नंबर 114 में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जैम, जेली, अचार बनाना सीख रहीं
भिखारियों को उनके शौक के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. महिलाएं जैम, आचार, पापड़ और जैली बनाने के बारे में सीख रही हैं. तीन माह के इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें प्रमाण पत्र भी मिलेगा. वह इससे जुड़ा अपना काम करना चाहते हैं तो सरकार आर्थिक मदद भी देगी. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में लाल बत्ती पर भीख मांगने वाले बच्चों को स्कूल (School) भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.
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