लखनऊ. योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही एक्शन में दिखाई दे रहे हैं. योगी सरकार का अपने दूसरे कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर खास फोकस है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) से लेकर जिला स्तरीय अस्पतालों के हालात सुधारने की कवायद शुरू की गई है. स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी मंडलीय अपर निदेशकों, सीएमओ और सीएमएस को निर्देश जारी किए गए हैं. अब इनकी निगरानी प्रदेश स्तर से करने की तैयारी है. डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अब पूरे समय अस्पतालों में मौजूद रहना ही होगा. जल्द इसे लेकर औचक निरीक्षणों का सिलसिला भी शुरू होगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव के दौरान भी लगातार अस्पतालों के दौरे करते रहे. यह सिलसिला अब भी चल रहा है. इधर, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी अस्पतालों के निरीक्षण और शिकायतों पर जांच और कार्रवाई का सिलसिला शुरू कर दिया है. सर्वाधिक जोर डॉक्टरों और स्टाफ के समय से अस्पताल पहुंचने और पूरे समय उपलब्ध रहने पर है. हालांकि आवासों की समस्या और बिजली की उपलब्धता भी एक समस्या है.

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एडी, सीएमओ और सीएमएस को नियमित निगरानी रखने को कहा गया है. इस पर मुख्यालय स्तर से भी नजर रखी जाएगी. यही नहीं सीएचसी पर तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारियों को वहीं बने आवासों में ही रहने को कहा गया है.