चंडीगढ़। नवगठित एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के हरकत में आने के साथ ही पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब वीके भावरा ने सोमवार को राज्य के लोगों से शांति और सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे असामाजिक तत्वों से पुलिस का साथ देने का आह्वान किया. एडीजीपी प्रमोद बान की अध्यक्षता में एजीटीएफ का गठन मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर किया गया है, ताकि गैंगस्टरों के खिलाफ खुफिया जानकारी आधारित इनपुट का उपयोग करने और पंजाब पुलिस की फील्ड इकाईयों के साथ समन्वय करने के लिए कार्रवाई तेज की जा सके. एजीटीएफ सीधे डीजीपी की निगरानी में काम करेगा.
पंजाब के डीजीपी वीके भावरा ने यहां मीडिया को बताया कि हाल ही में राज्य में गैंगस्टर से संबंधित हत्याओं में वृद्धि के बारे में खबरें आई हैं, लेकिन तथ्य यह है कि पिछले 2 सालों की तुलना में इसमें मामूली कमी आई है. अपराध के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि इस साल राज्य में लगभग 100 दिनों में 158 हत्याएं हुई हैं, जिससे प्रतिमाह औसतन 50 हत्याओं का पता चलता है, जबकि पिछले वर्षों में हत्याओं की संख्या 2021 में 724 और 2020 में क्रमश: 757 थी, जिससे 2021 और 2020 में हत्याओं का मासिक औसत क्रमश: 60 और 65 हत्याएं थी.
राज्य से गैंगस्टर संस्कृति को किया जाएगा खत्म- वीके भावरा
डीजीपी वीके भावरा ने कहा कि यह कोई खुशी की स्थिति नहीं है. पंजाब पुलिस राज्य में गैंगस्टर संस्कृति को खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और इस दिशा में प्रयास करना जारी रखेगी. अधिक जानकारी देते हुए वीके भावरा ने कहा कि 1 जनवरी 2022 से संगठित गिरोहों और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस की विभिन्न इकाईयों ने 16 गैंगस्टर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और इन गतिविधियों में शामिल 98 लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि इनके पास से हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया है, जिसमें 4 राइफलें और 68 पिस्तौल और रिवॉल्वर शामिल हैं, इसके अलावा इन अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए गए 30 वाहनों को भी जब्त किया गया है.
24 आरोपियों को हथियार और वाहनों के साथ किया गया गिरफ्तार
डीजीपी ने कहा कि 2022 में राज्य में गैंगस्टर से संबंधित छह हत्याएं देखी गईं, जिनमें से सभी का पेशेवर आधार पर गहन जांच के बाद पता लगाया गया है और इन मामलों में शामिल 24 आरोपियों को 7 पिस्तौल, 18 कारतूस और 7 वाहनों की बरामदगी के साथ गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि ये सभी ब्लाइंड मर्डर्स थे, जिनमें दोषियों का पता नहीं चल पाया है, उन्होंने कहा कि शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. डीजीपी ने कहा कि इस साल नौ गैर-गैंगस्टर से संबंधित हत्याएं भी हुईं, जिससे जनता में सनसनी फैल गई और अधिकांश आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि इन अपराधों के पीछे पारिवारिक या वैवाहिक विवाद, प्रतिद्वंद्विता या मौद्रिक विवाद प्रमुख कारण थे.
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