लखनऊ. भूमिगत जल स्तर को व्यवस्थित करने की दिशा में योगी सरकार अभिनव पहल करने जा रही है. राज्य के हर जिले में 75 अमृत सरोवर तैयार किए जा रहे हैं. मंगलवार को शासन स्तर के उच्चाधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘अमृत सरोवर’ के लिए सभी जिलों में उपेक्षित तालाबों का चिन्हीकरण कर लिया जाए. जहां तालाब न हो वहां सरकारी भूमि पर नए तालाब तैयार कराए जाएं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर एक जिले में 75 तालाबों के पुनरोद्धार-खुदाई का काम किया जाएगा, जो कि भूमिगत जलस्तर को ऊंचा उठाने में सहायक तो होंगे ही, स्थानीय पर्यटन का केंद्र भी बनेंगे. आजादी के अमृत काल (75वें वर्ष) में शुरू होने जा रहे इस विशेष अभियान के तहत 75 जिलों में कुल 5,625 तालाब तैयार होंगे, इन्हें ‘अमृत सरोवर’ नाम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि श्रावस्ती और संतकबीर नगर जैसे अपेक्षाकृत छोटे जिलों अथवा बुंदेलखंड के हर जिले में अगर न्यूनतम 75 तालाब तैयार हो पाने में कतिपय असुविधा है, तो लक्ष्य के सापेक्ष बड़े जिलों में तालाबों की संख्या बढ़ाई जाए. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के अमृत वर्ष में तैयार हो रहे यह ‘अमृत सरोवर’ हमेशा हमें इस विशिष्ट वर्ष की याद दिलाएंगे. सरोवर की खोदाई, पुनरोद्धार में व्यापक जन सहभागिता भी होगी. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी श्रम दान करेंगे.

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सीएम के निर्देशानुसार इन तालाबों के रखरखाव के भी पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. तालाब में गंदा पानी न जाए, इसके लिए कार्ययोजना में स्पष्ट प्रावधान होंगे. तालाब में जलीय जीव भी हों, इसके उपाय किए जाएंगे. यही नहीं, सुविधानुसार उनमें नौकायन भी कराया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जल्द ही ‘अमृत सरोवर’ के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं. बता दें कि लगातार घट रहे भूजल स्तर में सुधार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. अटल भूजल जैसी योजनाओं से स्थिति में काफी सुधार हुआ है तो भूजल के अनावश्यक दोहन पर लगाम लगाने के लिए कड़े कानून भी लागू किए गए हैं.