बिलासपुर. छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में फर्जी दस्तावेज देकर एक करोड़ साठ हजार का लोन लेकर बैंक को चूना लगाने का मामला सामने आया है. लोन लेने वालों ने खुद को रेलवे और सीएसआइडीसी का कर्मचारी बताया है. पहले तो उन्होंने लोन की किस्त जमा की, फिर बाद में बंद कर दिया. इसके बाद बैंक प्रबंधन ने मामले की जांच कराई. इसमें लोन के लिए जमा कराए दस्तावेज फर्जी निकले. मामले में बैंक प्रबंधन की ओर से शिकायत की गई है. इस पर तारबाहर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में प्रबंधक अंकिता दुबे ने अपनी शिकायत में बताया कि, क्षेत्रीय कार्यालय से लोन प्रकरण की जांच की गई. इसमें सात मामलों में अनियमितता पाई गई है. 7 मामलों में लोन लेने वालों ने खुद को रेलवे और सीएसआइडीसी का कर्मचारी बताते हुए बैंक में खाता खुलवाया. बैंक की ओर से भोका सिंह केंवटा निवासी ओम नगर जरहाभाटा, कबला साईं नाग वेंकटेश निवासी टिकरापारा शांति अपार्टमेंट, अब्दुल शादाब निवासी गणेश नगर, रिकेश श्रीवास्तव निवासी मसानगंज अवस्थी बाड़ा, पवन माली निवासी सागरदीप कालोनी, आरिफ खान मरीमाई तालापारा, अजय रजक कुम्हारपारा, प्रफुल्ल कुमार बापट शालोम टावर्स अमेरी के नाम पर लोन जारी किया गया. लोन लेने वालों ने पहले तो कुछ रुपय़े वापस किए. फिर बाद में किस्त देना बंद कर दिया. जिसके बाद बैंक ने इसकी जांच कराई. इसमें लोन के दस्तावेज फर्जी मिले. इसके आधार पर बैंक प्रबंधन ने मामले की शिकायत तारबाहर थाने में की है. इस पर पुलिस धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच कर रही है.

बिचौलियों के खिलाफ भी मामला दर्ज

वहीं बैंक की जांच में पता चला कि किरण राव और आरिफ खान ने लोन दिलवाने के लिए बिचौलिए की भूमिका निभाई है. बैंक प्रबंधन की ओर से दोनों के खिलाफ भी शिकायत की है. बैंक के पास बिचौलिए का पता नहीं है. पुलिस बिचौलियों की तलाश कर रही है. इनके पकड़े जाने के बाद और भी मामले सामने आ सकते हैं.