रायपुर। छत्तीसगढ़ ने वर्तमान लोकसभा में भाजपा को 11 में से 10 सांसद दिए हैं. इसी सफलता की आगामी लोकसभा चुनाव में दोहराने भाजपा के लिए जरूरी है कि वह विधानसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करे. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अभी से मिशन 2023 की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके लिए आने वाले दिनों में 9 केंद्रीय मंत्री पखवाड़े भर के दौरान प्रदेश के 10 आकांक्षी जिलों का दौरा कर केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे. इसके साथ भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे.

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी गुरुवार को महासमुंद जिले के दौरे पर थे. इनके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 अप्रैल को राजनांदगांव जिले की समीक्षा करेंगे. अर्जुन राम मेघवाल बस्तर और नित्यानंद राय बीजापुर जाएंगे. केंद्रीय राज्यमंत्री देव सिंह चौहान दंतेवाड़ा, भानुप्रताप सिंह कांकेर और अश्विनी चौबे कोरबा, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय नारायणपुर और केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह सुकमा का दौरा कर मोदी सरकार की योजनाओं की समीक्षा करेंगे. ये सभी मंत्री आकांक्षी जिलों में मोदी सरकार की योजनाओं को परखने का काम करेंगे.

उत्तर प्रदेश दोहराने की कवायद

दरअसल, उत्तर प्रदेश में तमाम खामियों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को मिली जीत के पीछे तमाम लोग मोदी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद तैयार हुए लाभार्थी वर्ग को बड़ी वजह बताया जा रहा है. यह वह वर्ग है, जिसे मोदी सरकारी की उज्जवला, प्रधानमंत्री आवास योजना, जनधन योजना, शौचालय योजना जैसे तमाम केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिला है. छत्तीसगढ़ में भी इसी लाभार्थी वर्ग से भाजपा ने उम्मीद पाली हुई है. इसके साथ ही इस लाभार्थी वर्ग के दायरे को बढ़ाने के लिए भाजपा अब केंद्रीय मंत्रियों को भेज रही है, जिससे केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर कर लोगों तक लाभ पहुंचाया जा सके.

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भाजपा की रणनीति से सीएम सचेत

केंद्र सरकार के साथ-साथ भाजपा की मंशा से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भलीभांति वाकिफ हैं. यही वजह है कि वे केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से पहले ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का हवाला देते हुए इसे मापदंड में शामिल करने की बात कही है. इसके इतर वे केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर तंज भी कस रहे हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि ये अचानक आए है, कोई योजना बनाकर आए हैं. इन आकांक्षी के जिलों को कोई अतिरिक्त पैसा भारत सरकार नहीं दे रही है. मुझे लगता है ये राजनीति करने और अपनी जमीन तलाशने आए है.

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