शब्बीर अहमद, भोापल। वाकई मध्यप्रदेश अजब है। यहां के अधिकारी और कर्मचारी भी अजब-गजब कारनामे के लिए जाने जाते हैं। राजधानी भोपाल से लगे रायसेन में एक शख्स खुद को जिंदा साबित करने के पिछले पांच साल से जंग लड़ रहा है। बुजर्ग हर उस जिम्मेदार के पास पहुंचा जिससे उसको उम्मीद थी, लेकिन कहीं भी उसकी गुहार नहीं सुनी गई। ये बुजुर्ग सरकारी कागजो में मर चुका है। पढ़िए खास रिपोर्ट साहब मैं जिंदा हूं..!
आपको सुनने में थोड़ा अजीब लगे लगा, लेकिन यह सच है। रायसेन के जे लाल मेहरा खुद को जिंदा होने के सबूत लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। पिछले पांच साल से रायसेन जिले के गौहरगंज तहसील कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते बुजुर्ग किसान जय लाल की चप्पल घिस गई, लेकिन आज तक उसे न्याय नहीं मिला है।
दरअसल, किसान जे लाल को ये दर्द अपनों ने ही दिया है। जय लाल के बड़े भाई डिप्टी कलेक्टर रहे हैं, जो इसी रौब के दम पर जे लाल के फर्जी मृत सार्टिफिकेट बनाकर करोड़ों की पैतृक जमीन को हड़प लिया है। बाकी की बची हुई जमीन पर भी बड़े भाई की नजर है, जिसे बचाने के लिए बुजुर्ग जद्दोजहद कर रहा है।
वहीं पूरे मामले को लेकर जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने रायसेन एसडीएम आदित्य रिछारिया से बात की तो उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए तहसीलदार से बात की और जल्द किसान से न्याय करने की बात कही। एसडीएम के आश्वासन के बाद किसान जे लाल की थोड़ी उम्मीद जगी है। अब देखना होगा कागजों में मृत हो चुके किसान को सरकारी अधिकारी कब तक जिंदा मानते हैं क्योंकि जय लाल तो दुनिया के लिए जिंदा है।.
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