कोरोना वायरस के बाद अब एक और खतरनाक वायरस ने दस्तक दी है. बर्ड फ्लू की वजह से कुछ दिनों पहले अचानक कौओं और मुर्गियों की मौत होने लगी थी. इसके बाद जब पशुपालन विभाग ने मामले की जांच की तो गांव से पक्षियों के लिए गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टी हुई है.

बता दें कि, बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग ने गांव में 1 किमी क्षेत्र के अंदर मुर्गे-मुर्गियों को मारने का काम शुरू कर दिया है, ताकि बर्ड फ्लू का वायरस अन्य इलाकों में ना फैले. छपकाही गांव के 9 किमी क्षेत्र के दायरे में जांच भी शुरू कर दी गई है. 2 सप्ताह पहले छपकाही गांव के वार्ड नंबर 1 से लेकर 11 तक में मुर्गे-मुर्गियों, बत्तख और कौओं की अचानक मौत होने लगी थी, जिसके बाद पशुपालन विभाग की टीम ने गांव जाकर जांच की. पटना से टीम बुलाकर संक्रमित पक्षियों का सैंपल लिया गया तो जांच में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया.

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पशु पालन विभाग के निदेशक के आदेश पर सुपौल के डीएम कौशल कुमार और एसपी डी अमर्केश ने संयुक्त निर्देश जारी कर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर दिया है. इस टीम को संक्रमित पक्षियों को मारने का काम दिया गया है. वहीं बर्ड फ्लू के वायरस को फैलने से रोकने के लिए इलाके के 1 से 9 किमी तक के दायरे में सभी गांवों को चिन्हित कर जांच करने के लिए टीम बना दी गयी है. इसका मकसद समय रहते बर्ड फ्लू के वायरस को सीमित दायरे में रोकना है.

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छपकाही गांव को केंन्द्र मानते हुए 1 किमी के दायरे में सभी गांवों के मुर्गे-मुर्गियों को मारने के लिए पशुपालन विभाग ने 4 टीम का गठन किया है. वहीं मौके पर पहुंचे जिला पशुपालन पदाधिकारी राम शंकर झा ने बताया सभी पक्षी पालने वाले लोगों को मुआवजा भी दिया जायेगा.