कैलिफोर्निया. कैलिफोर्निया के स्टार्टअप बायोनॉट लैब्स ने स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक माइक्रो रोबोट बनाया है, जो मानव मस्तिष्क में पहुंच कर दुर्लभ बीमारी का इलाज कर सकेगा. इस परीक्षण का ट्रायल अभी चल रहा है यदि सफल रहा तो चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया अविष्कार साबित होगा.

माइक्रो रोबोट कैसे पहुंचेगा दिमाग में?

बायोनॉट लैब्स के अनुसार, इंजेक्शन के माध्यम से माइक्रो रोबोट को मानव शरीर में पहुंचाया जाएगा. इस रोबोट को जर्मनी के प्रतिष्ठित मैक्स प्लैंक अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की मदद से नियंत्रित किया जाएगा. मस्तिष्क के बाहर रखी एक चुंबकीय कॉइल व कम्प्यूटर मस्तिष्क के प्रभावित हिस्से में रोबोट को संचालित करेंगे. बता दें कि रोबोट को उपचार के लिए शरीर में प्रवेश कराने का विचार नया नहीं है.

बायोनॉट लैब्स के सह-संस्थापक और सीईओ माइकल शापिगेलमाकर के मुताबिक इसहाक असिमोव की एक किताब और फैंटास्टिक वॉयज नामक फिल्म में वैज्ञानिकों का एक दल रक्त के थक्के का इलाज करने के लिए मस्तिष्क में छोटे से अंतरिक्ष यान को भेजते हैं.

Searching for micro Robot s, it will now be easier to deliver medicines to special places of the body.

कई बीमारियों पर परीक्षण की अनुमति

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने बच्चों में पाई जाने वाली दुर्लभ बीमारी डैंडी-वाकर सिंड्रोम के उपचार के लिए परीक्षण को अनुमति दे दी है. इस बीमारी में गोल्फ की गेंद के आकार के सिस्ट का अनुभव कर सकते हैं. इससे मस्तिष्क पर दबाव बढ़ता है और न्यूरो की कई समस्याएं पैदा होती हैं, इसके साथ ही ग्लिओमास, ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए परीक्षण को स्वीकृति दे दी है. इसके साथ ही मिर्गी, स्ट्रोक जैसी बीमारियों में भी यह प्रयोग मदद कर सकता है.

जानवरों पर ट्रायल सफल

सीईओ शापिगेलमाकर कहते हैं कि हम रोबोट का परीक्षण भेड़ और सूअर पर कर चुके हैं, यह परीक्षण पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं, उन्होंने कहा कि अभी तक मस्तिष्क शल्य चिकित्सा सीधी रेखाओं तक सीमित है, इस प्रयोग के बाद आप मस्तिष्क में हर जगह पहुंचने में कामयाब होंगे.

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