जीवन सिरसान, बीजापुर। बस्तर आईजी ने माओवादियों के ड्रोन की मदद से दक्षिण बस्तर के जंगलों और गांवों में बमबारी के आरोप को सोची-समझी साजिश की हिस्सा करार दिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि माओवादियों को झूठे प्रचार-प्रसार, क्षेत्र के निर्दोष नागरिकों को प्रताड़ित कर उन्हें मूलभूत सुविधा से वंचित रखने जैसे गैर मानवीय व विकास विरोधी हरकतों को छोड़कर जमीनी हकीकत को जानना व समझना जरूरी है.

बता दें कि दो दिन पहले दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रेसनोट जारी कर दंडकारण्य के दक्षिण बस्तर में हवाई बमबारी का आरोप लगाया था. प्रेसनोट में आरोप लगाया गया था कि 14-15 अप्रैल की दरमियानी रात को दक्षिण बस्तर के बोटेम, रासम, एरीम, मेट्टागुडेम, साकिलेर, मङपा दुलेड, कन्नेमरका, पोट्टेमंगुम, बोत्तम आदि गांवों को निशाना बनाकर सैनिक ड्रोनों से बमबारी करने का आरोप लगाया था. यही नहीं अलग-अलग गांवों के जंगलों में कइयों जगह 50 से ज्यादा बम गिराए जाने की बात कही गई थी.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि माओवादियों के द्वारा सुरक्षाबल के ऊपर इस प्रकार के निराधार आरोप लगाए जाते है. क्षेत्र की जनता को दिगभ्रमित करना प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि बस्तर सहित पूरे भारत वर्ष में नागरिकों की जान-माल की रक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्था अंतर्गत स्थानीय पुलिस एवं सुरक्षाबल कर रहे हैं. और यह दायित्व आने वाले समय में भी निभाया जाएगा.

आईजी ने कहा कि क्रांतिकारी जन आंदोलन की आड़ में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात् विगत 22 वर्षों में बस्तर क्षेत्र में 1700 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों, जिनमें कई महिला, बच्चे एवं बुजुर्ग भी शामिल हैं, की हत्या एवं 1100 से अधिक बार आईईडी विस्फोट करके बस्तर की हरित धरा को लाल आतंक की छाया में तब्दील किया गया. ये सब माओवादी आंदोलन का असली एवं भयानक चेहरा है. बसवराजू, सुजाता, गणेश उईके, रामचन्द्र रेड्डी, चन्द्रन्ना जैसे बाहरी माओवादी नेताओं की साजिश का शिकार होकर खुद अपने आदिवासी समाज की पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं. स्थानीय माओवादी कैडरों को ये सब हकीकत को समझाना जरूरी है.

इसे भी पढ़ें : पावर सेंटर: सुर्खियों में पार्टी…कलेक्टर पर सरकार की टेढ़ी नजर !…एक अधिकारी, चार जिम्मेदारी…….जब ड्रेस कोड में दिखे सीएम भूपेश…- आशीष तिवारी

उन्होंने बताया कि जिस तरीके से विगत कुछ वर्षों में प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की विकास विरोधी एवं जनविरोधी हरकतों से माओवादी संगठन का जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में माओवादी नेतृत्वों द्वारा असत्य एवं गुमराह जानकारियों के माध्यम से क्षेत्र की जनता का ध्यान भटकाने का लगातार असफल प्रयास किया जा रहा है. साथ ही पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा वनांचल क्षेत्र की जनता एवं खास तौर पर युवा तथा युवतियों से बस्तर क्षेत्र में माओवादियों द्वारा फैलाये जा रहे हिंसात्मक विचारों का खात्मा करते हुये बस्तर क्षेत्र को एक नई पहचान दिलाने में पुलिस, सुरक्षा बल, स्थानीय प्रशासन एवं शासन का साथ देने की अपील की.

इसे भी पढ़ें : खबर का असरः दुर्लभ मूर्तियों को सहेजने मंत्री की पहल, कहा- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि लोगों की आस्था जुड़े धरोहर को सहेजा जाए…