इस्लामाबाद। भारतीय मूक-बधिर बच्ची गीता को आड़े वक्त में सहारा देने वाली पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता और ईधी फाउंडेशन की संस्थापक बिलकिस बानो ईधी का शुक्रवार को निधन हो गया. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने शोक जताते हुए संवेदना व्यक्त की है.

बिलकिस ईधी ने लाहौर में समझौता एक्सप्रेस में अकेली मिली दस साल की भारतीय दिव्यांग बच्ची गीता को उन्होंने गोद लिया था. बाद में गीता को 2015 में पाकिस्तान से भारत लाया गया था.

पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, शुक्रवार को कराची के एक अस्पताल में बिलकिस का 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे फैसल ईधी ने की थी. इदी फाउंडेशन की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया कि बिलकिस कई बीमारियों से पीड़ित थीं.

समाजसेवी बिलकिस बानो ईधी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मानवीय कार्यों के प्रति उनके जीवन भर के समर्पण ने दुनिया भर के लोगों के जीवन को प्रभावित किया. पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने शोक व्यक्त किया है. उच्चायोग ने ट्वीट कर लिखा कि भारतीय उच्चायोग बिलकिस ईधी के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है. उनका और ईधी फाउंडेशन की मानवीय सहायता की सीमाओं के पार सराहना की जाती है.

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बता दें कि बिलकिस ईधी अपने पति अब्दुल सत्तार ईधी के साथ समाज कल्याण के लिए इदी फाउंडेशन की शुरुआत की थी. इस संगठन को अनेक क्षेत्रों में मानवता के कार्यों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्धि मिली. बिलकिस को 2015 में मदर टेरेसा मेमोरियल इंटरनेशनल अवार्ड मिला था.इससे पहले उन्हें उनके पति के साथ 1986 में लोक सेवा के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

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