रायपुर। तिल्दा विकासखण्ड में स्थित रायपुर एनेर्जेन लिमिटेड (आरईएल) संयंत्र के परिसर में 5 एस कार्यप्रणाली पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. अदाणी फाउण्डेशन द्वारा कार्यक्षेत्र में दक्षता के लिए जापान की सुप्रसिद्ध 5 एस कार्यप्रणाली पर आयोजित कार्यशाला में समीपस्थ ग्राम रायखेड़ा, गैतरा, चिचोली, इत्यादि सहित कुल 8 ग्रामों की 80 महिलाओं, युवकों और युवतियों ने शिरकत की.
ज्ञात हो कि अदाणी समूह अपने सभी संस्थानों में 5 एस कार्यप्रणाली का पालन करता है. यह एक तरीका है, जिसके माध्यम से कार्यक्षेत्र के कार्यस्थान (वर्कस्पेस) और कार्यप्रवाह (वर्कफ्लो) को प्रबंधित किया जाता है. 5 एस कार्यप्रणाली मुख्यत: 5 जापानी नाम हैं, जिनमें 1. सेईरी – छंटाई, 2. सैंटोन – सुसज्जित करना, 3. सिसो – स्वच्छता, 4. सैकेटसु – मानकीकरण और 5. सितसुके – स्व-अनुशासन है. इस तरह की प्रक्रिया से न केवल कार्यक्षेत्र को स्वच्छ और व्यवस्थित करके अपने संस्थानों की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है, अपितु कार्य का माहौल भी दुरुस्त किया जा सकता है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता और शुभारम्भ करते हुये संयत्र प्रमुख रामभव गट्टू ने जीवन में 5 एस के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताया और इसे अपने दैनिक जीवन में उतारने हेतु महिलाओं और युवतियों को प्रेरित किया. आरईएल महाप्रबंधक बिमलेश कुमार दास के नेतृत्व में रवि श्रीवास्तव व शैलेन्द्र कुमार ने 5 एस के पांचों चरण को सरल भाषा में विस्तार पूर्वक, विभिन्न रोमांचक उदाहरण के साथ बताया. इसके साथ ही दैनिक जीवन में इसे आसानी से कैसे अपनाया जा सकता है, और इससे होने वाले लाभ जैसे समय की बचत, सामान के रख-रखाव, सुव्यवस्थित परिवेश के साथ ही साथ जीवन स्तर एवं आचरण में सुधार जैसे तथ्यों को स्पष्ट किया.
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सरोकारों के अंतर्गत आसपास के ग्रामों में चलाये जा रहे शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविकोपार्जन एवं आधारभूत संरचना इत्यादि के कार्यक्षेत्रों में दक्षता और कार्यकुशलता के प्रति जागरूक करना था. इसमें अदाणी फाउंडेशन के द्वारा संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट के डॉक्टर एवं उनकी टीम, सुपोषण संगनी, नवोदया कोचिंग के शिक्षक/शिक्षिकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्रामीण महिलायें, प्रयास कोचिंग के विद्यार्थी और महाविद्यालयीन छात्रायें शामिल हुए. प्रशिक्षण में भाग लेने वाले समस्त प्रशिक्षुओं ने कार्यशाला को उपयोगी बताया और इसे अपने दैनिक जीवन में प्रयोग में लाने साथ ही अपने आस पास के परिचितों को भी इससे अवगत कराने का आश्वासन दिया.
कार्यक्रम के अंत में सीएसआर प्रमुख दीपक कुमार सिंह ने सभी को अदाणी फाउंडेशन द्वारा संचालित समस्त गतिविधियों की जानकारी दी. कार्यक्रम में संयंत्र प्रबंधक श्रीकांत वैद्य भी उपस्थित थे, वहीं कार्यक्रम कोर्डिनेशन सी एस आर की टीम द्वारा श्री दीपक सिंह राणा – वरिष्ठ प्रबंधक के नेतृत्व में किया गया. उल्लेखनीय है कि अदाणी फाउंडेशन आरईएल के सामाजिक सरोकारों के अंतर्गत आसपास के 15 ग्रामों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन और संरचना विकास के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता है.
अदाणी फाउंडेशन के बारे में
1996 में स्थापित अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में देश के कुल 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें लगभग 2250 गांव और कस्बे शामिल हैं. फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की एक शानदार टीम है, जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है. हर साल 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को संवारते हुए अदाणी फाउंडेशन मुख्य रूप से चार क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत् आजीविका विकास और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में भी काम करता है. भारत के ह्रदय स्थल के रूप में स्थित मध्यप्रदेश, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के लिये जाना जाता है. अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और स्थायी प्रगति के लिए कार्य करता है और इस प्रकार राष्ट्र-निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देता है.