1987 में त्रिपुरा में एक लड़की जन्म हुआ, परिवार वालों ने लड़की का नाम पोपी रखा. जैसे ही पोपी बड़ी हुई उसने होश संभाला तब उसे अहसास हुआ कि उसका दिमाग लड़का बनना चाहता है. शरीर लड़की का था पर दिमाग लड़का बनना चाहता था. तब उसने लिंग परिवर्तन कराने का फैसला लिया, मगर घर वाले नहीं मानें तो घर बार छोड़कर निकल गए.
घर, समाज, दोस्त ने अपनाने से कर दिया इंकार
सेक्स चेंज कराने की इस बात को समाज ने अस्वीकार कर दिया, घर वालों ने भी विरोध किया. दोस्त भी खिलाफ हो गए थे. परिवार का साथ नहीं मिलने से हताश होकर देव खुद की अलग पहचान बनाने निकल पड़े. 27 साल की उम्र में उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था.
ऑपरेशन का खर्चा खुद उठाया
उन्होंने जब घर छोड़ा तो उनके पास पैसे नहीं थे सबसे पहले देव केरल गए फिर बैंगलोर में जॉब की और खुद के पैसे से अपने ऑपरेशन का खर्चा उठाया. देव बताते है कि उन्हें इस बीच किसी का सपोर्ट नहीं मिला, ना घरवालों ने साथ दिया, ना ही किसी दोस्त ने, पैसे की कमी अलग थी, पर अब सारी दिक्कतें दूर हो गई. देव ने सेक्स चेंज का ऑपरेशन भी करा लिया. अब वे लड़के का शरीर लेकर अपनी एक अलग जिंदगी जी रहे हैं.
बता दें कि, 34 साल के देव जिन्होंने अपना लिंग परिवर्तन करवाया है जो अभी छत्तीसगढ़ में मितवा संकल्प समिति के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. देव अपनी नई जिंदगी से काफी खुश हैं.
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