नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने इससे निपटने के लिए अपनी कमर कस ली है. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले बढ़े हैं. ऐसे में केजरीवाल सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना पर हम नजर रखे हुए हैं. अस्पतालों में एडमिशन नहीं बढ़ रहा है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तैयार है. उन्होंने कहा कि पहले से ही हमने अपने हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया है. साथ ही दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है. कोरोना के प्रसार को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के सिद्धान्त पर काम कर रही है. कोरोना मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रही है, वहीं, जरूरत पड़ने पर आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वैक्सीन लगवाने की अपील की
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने लोगों से जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की अपील करते हुए कहा कि इलाज से बेहतर रोकथाम है. घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनकर निकलें, इससे ज़्यादातर मामलों को रोका जा सकता है.उन्होंने कहा कि एक्सई वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. जल्द ही दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) कोरोना मामलों में बढ़ोतरी को लेकर चर्चा और महामारी के प्रसार को रोकने के उपायों पर विचार-विमर्श करने के लिए 20 अप्रैल को बैठक करेगी. इसमें आगामी रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी.
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65 हजार बेड तैयार कर रही केजरीवाल सरकार
कोरोना महामारी से लड़ने को तैयार दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर निगरानी रखने व सतर्कता और बढ़ाने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री के आदेश पर राज्य में करीब 37 हजार कोविड बेड और 10,594 कोविड आईसीयू बेड तैयार किए जा चुके हैं. अगर कोरोना संक्रमण फैलता है तो सरकार की तरफ से दो हफ्ते के अंदर दिल्ली के हर वार्ड में 100 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की योजना बनाई गई है. ऐसे में दिल्ली सरकार की योजना 65 हजार बेड तैयार करने की है, ताकि इमरजेंसी में किसी भी व्यक्ति को बेड की कमी से न जूझना पड़े.
मामले बढ़े तो होम आइसोलेशन सिस्टम किया जाएगा लागू, सरकार की तैयारियां पूरी
कोरोना महामारी की पिछली लहरों के दौरान होम आइसोलेशन सिस्टम मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ था. इसी के मद्देनजर अगर फिर से मामले बढ़े, तो होम आइसोलेशन सिस्टम को लागू किया जाएगा. एएनएम, आशा, पैरामेडिकल वर्कर्स के साथ सीडीवी की टीमें कोरोना संक्रमित मरीजों के घर जाकर उन्हें होम आइसोलेशन में रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने के बारे में सूचित करेंगी. इस दौरान टीमें मरीज के स्वास्थ्य का आकलन करेगी और ऑक्सीमीटर के साथ होम आइसोलेशन किट मुहैया कराएगी. टेली-कॉलर टीमें सुबह और शाम फोन कर मरीज की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेगी. मरीज की हालत गंभीर होने पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.
दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन क्षमता में किया इजाफा
केजरीवाल सरकार की ओर से दिल्ली की ऑक्सीजन क्षमता में काफी इजाफा किया गया है. वर्तमान में दिल्ली सरकार के पास लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज (LMO), लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन बफर, पीएसए प्लांट समेत 1363.73 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता है. वहीं, मेडिकल इंस्टीट्यूशन के पास 217 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता है. इसके अलावा इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए 6,000 डी टाइप के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं. पहले दिल्ली में एक दिन में ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता 1,500 सिलेंडर तक ही सीमित थी, लेकिन अब 12.5 मीट्रिक टन की कैपेसिटी वाले 2 क्रायोजेनिक प्लांट्स हर दिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडरों को भरने में सक्षम होंगे.
ऑक्सीजन टैंकों में लगे अत्याधुनिक टेलीमेट्री डिवाइस
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आदेश पर सभी बड़े और छोटे ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री डिवाइस लगाए गए हैं. इससे ऑक्सीजन की रियट-टाइम मॉनिटरिंग होगी और इमरजेंसी के वक्त जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी. वॉर रूम से इसकी लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि वक्त रहते ऑक्सीजन का इंतजाम किया जा सके. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया था कि किस अस्पताल को पहले ऑक्सीजन पहुंचाई जाए और कौन से अस्पताल को इसकी सबसे ज़्यादा जरूरत है. इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति की समीक्षा की. इसके बाद से दिल्ली के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में मौजूद लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री डिवाइस लगाए हैं.
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दवाओं की कमी नहीं होने देगी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार की तरफ से कोविड बेड की सुविधा के अलावा पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी स्थिति में दवाओं की कमी न हो. सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर मरीजों के इलाज में विभिन्न उपयोगी दवाओं का बफर स्टॉक सुनिश्चित किया गया है. इसी सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी स्टॉक का जायजा लिया और सभी अधिकारियों को आवश्यक दवाओं की उपलब्धता पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिए.
जल्द लोगों को मिलेगी फ्री प्रीकॉशन डोज
दिल्ली सरकार की तरफ से सरकारी अस्पतालों में लोगों को जल्द ही प्रीकॉशन डोज मुफ्त में लगाई जाएगी. लोगों को जिस वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगी थी, उसी वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी. जिन लोगों को दूसरी डोज लिए 9 महीने पूरे हो गए हैं, वे प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं.
जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ डॉक्टर भी कोविड मरीजों का करेंगे इलाज
दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन के लिए मैनपावर बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि अगर संक्रमण की दर में तेजी आए तो डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी न हो. इसके लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल छात्रों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड मैनेजमेंट की विशेष ट्रनिंग दी गई है. उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड मैनेजमेंट, पीडियाट्रिक वार्ड कोविड मैनेजमेंट आदि की ट्रेनिंग दी गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों को आवश्यकता के अनुसार डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स की स्वीकृत संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिए हैं. वहीं, किसी भी समस्या के दौरान कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए एक कोविड हेल्पलाइन नंबर – 1031 जारी किया गया है. यह हेल्पलाइन लोगों की सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध है.
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