आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में बस्तर डेरी फॉर्म नाम की मिल्क फैक्ट्री के संचालक द्वारा लोगों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. प्रशासन के बनाए गए सारे नियमों को ताक में रखकर दूध के पैकेजिंग के दौरान भारी लापरवाही फैक्ट्री में बरती जा रही है.

यही नहीं वेस्ट मटेरियल के निकासी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं किए जाने के चलते इससे निकलने वाली बदबू और वेस्ट मटेरियल लोगों के घर के अंदर तक पहुंच रही है, जिससे रहवासियों का बुरा हाल हो रहा है.

कई बार शिकायत करने के बावजूद भी इस डेरी फॉर्म के संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, लिहाजा बड़ी संख्या में इस लापरवाही से प्रभावित हो रहे रहवासियों की लगातार तबीयत बिगड़ रही है, जिसके चलते रहवासियों ने संचालक पर कार्रवाई की मांग की है.

शहर से लगे बोरपदर इलाके में बस्तर डेरी फॉर्म की मिल्क फैक्ट्री यहां के रहवासियों की जान की दुश्मन बन गई है. यहां के रहवासियों का कहना है कि इस फैक्ट्री में दूध की पैकेजिंग की जाती है. पैकेजिंग के दौरान फैक्ट्री के संचालक द्वारा केमिकल का उपयोग भी किया जाता है, जिस वजह से  फैक्ट्री से निकलने वाली वेस्ट मटेरियल उनके सेहत पर असर डाल रही है.

वहीं वेस्ट मटेरियल की निकासी की सही व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोगों के घरों के अंदर आ रही है, यही नहीं फैक्ट्री के आसपास लगे पेड़ भी इस केमिकल के वजह से  उखड़  जा रहे हैं. आसपास की जमीन भी पूरी तरह से बंजर हो चुकी है.

वहीं वेस्ट मटेरियल से इतनी बदबू आती है कि आसपास के रहवासियों का जीना मुश्किल हो गया है. उन्होंने इसकी शिकायत कई बार विभाग के अधिकारियों से भी की, लेकिन अधिकारियों ने भी फैक्ट्री संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की. ना ही वेस्ट मटेरियल के डंप के लिए कोई उचित व्यवस्था करवाया. लिहाजा इस  वेस्ट मटेरियल से बच्चे बूढ़े, महिलाएं सभी बीमार हो रहे हैं. साथ ही 24 घंटे आने वाली बदबू से लोग परेशान हो गए हैं.

नियम के मुताबिक इस तरह के मिल्क फैक्ट्री के संचालन के लिए वेस्ट मटेरियल के निकासी के लिए पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही आसपास के रहवासियों को इस फैक्ट्री से कोई दिक्कत ना हो इसका भी खास ख्याल रखा जाना चाहिए. बावजूद इसके कई साल से शासन के सारे नियमों को ताक में रखकर बस्तर डेरी फॉर्म की मिल्क फैक्ट्री संचालित हो रही है.

हालांकि इस मामले में बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि रहवासियों के द्वारा जरूर उन्हें शिकायत मिली है. इसकी जांच के लिए एक टीम भी बनाया जा रहा है. जल्द ही यह टीम इस मिल्क फैक्ट्री का निरीक्षण करेगी. लापरवाही पाए जाने पर संबंधित संचालक पर CRPC धारा 123,33 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है.

इधर इस मिल्क फैक्ट्री के संचालक का कहना है कि वेस्ट मटेरियल के निकासी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जहां फैक्ट्री बनी है, वहां बड़ी संख्या में रहवासी भी हैं. ऐसे में डंप के लिए कोई जगह नहीं बनाए जाने की वजह से उनके घरों तक  वेस्ट मटेरियल बहकर पहुंच रहा है. इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है.