कबीरधाम. 22 अप्रैल को दुर्ग संभाग के हजारों कर्मचारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे. ऐसे में प्रदेश में जिले में जो आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है, उस पर ये आंदोलन पानी फेर सकता है.

स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष टारजन गुप्ता और प्रदेश सचिव प्रवीण डीडवशी ने बताया कि सीएमएचओ डॉ. मुखर्जी के तानाशाही से परेशान जिले के कर्मचारीयों को बार-बार आंदोलन करना पड़ रहा है. जिससे कि जिले कि स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है. सीएमएचओ के खिलाफ डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी कई बार शिकायत कर चुके हैं. इसमें कर्मचारियों और अन्य अधिकारीयों के साथ गाली गलौच, मानसिक प्रताड़ना, वेतन कटौती और दूर्व्यवहार जैसी शिकायते शामिल हैं.

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सीएमएचओ की होगी जिम्मेदारी

इस संबंध में स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ द्वारा जिला कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों को मामले से अवगत कराने के बाद भी कोई कार्रवाई ना होने पर कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. कर्मचारियों ने इसी निलंबित कार्मचारी को बहाल करने की मांग की है.

संघ का कहना है कि मांग पूरी ना होने पर कर्मचारी सीएमएचओ कार्यालय का घेराव कर उग्र प्रदर्शन करेंगे. जिसमें जिले के साथ-साथ संभाग कि स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित होगी साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव में आयोजित स्वास्थ्य मेला भी प्रभावित होगा. इसकी पूरी जवाबदारी सीएमएचओ की होगी.

सचिव ने लगाए गंभीर आरोप

स्वास्थ्य संयोजक संघ के प्रदेश सचिव प्रवीण ने कहा कि जिला चिकित्सा अधिकारी के द्वारा जिला अध्यक्ष गणेशराम जांगड़े को बिना नोटिस दिए निलंबन की कार्रवाई की किया गया. जिसके विरोध में 22 अप्रैल को दुर्ग संभाग के सभी कर्मचारी कबीरधाम जिला पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग का घेराव करेंगे और निलंबन की कार्रवाई को शून्य करने की मांग करेंगे. सचिव ने सीएमएचओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों से उनके द्वारा दुर्वव्याहर किया जाता है. सचिव ने आरोप लगाया कि इसके पहले भी वे जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के पद पर थे उस समय भी डॉ. मुखर्जी की शिकायत हुई थी. इसके बाद भी लेनदेन कर वे सीएमएचओ बन गए हैं.

इस मामले में CMHO डॉ मुखर्जी का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाईल पर लगातार संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.