रायपुर। मोदी सरकार की लापरवाही के कारण देश अभूतपूर्व कोयला के संकट से जूझ रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कोयले की कमी का हल नहीं निकाला गया तो सारे देश में बिजली संकट और ब्लैक आउट की स्थिति हो जाएगी. दुर्भाग्य जनक है कि कोयला संकट में केन्द्र सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है.
मोहन मरकाम ने कहा कि देशभर के पावर प्लांटों के पास बमुश्किल से 10 प्रतिशत अर्थात एक सप्ताह से भी कम कोयला नहीं बचा है. रोलिंग मिल, सीमेंट कंपनियां सहित तमाम उद्योगो कायेले के संकट के कारण बंदी के कागार पर खड़े है। देश के अनेक राज्यों में थर्मल पॉवर स्टेशन कोयला न मिलने के कारण बंद हो गए हैं.
एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ में भी नान पॉवर सेक्टर के उद्योगों के कोयले की आपूर्ति में कटौती कर दी है. इसके कारण राज्य के छोटे और मझोले उद्योग भी अभूतपूर्व कोयले के संकट से परेशानी में हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार देश को चलाने में असफल साबित हो रही है. मोदी सरकार देश की अब तक की सबसे अकर्मण्य सरकार है. इनके पास देश के विकास का न कोई विजन है और न ही कोई कार्य योजना.
आजादी के बाद देश में इस तरह का कोयला संकट कभी नहीं आया. हमारे पास दुनिया का एक तिहाई कोल भंडार है. पूर्ववर्ती सरकारों ने देश की आवश्यकता के अनुरूप कोयले की उत्खनन पर जोर दिया. यही कारण है कि भारत को अपने घरेलू आवश्यकतओं की आपूर्ति के लिए कभी परेशानी नहीं हुई.
मोदी सरकार ने 7 साल में कोल उत्पादन और उत्खनन के लिये कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाया. यूपीए सरकार को कोल आंबटन का झूठा आरोप लगाकर बदनाम कर सत्ता में आई मोदी सरकार खुद कोल ब्लाक आबंटन के लिये नीति नहीं बना पाई हमेशा से दिग्भ्रमित रही है। उसका खामियाजा अब देश को उठाना पड़ रहा है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार ने राज्यों के विद्युत उत्पादन ईकाईयों से कहा है कि वे अपने विद्युत उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत हिस्सा आयातित कोयला विद्युत उपयोग करें. देश में उत्पादित कोयला विद्युत कंपनियों को लगभग 4 हजार रू. प्रति टन पड़ता है.
विदेशों से आयातित कोयले की कीमत 20 हजार रू. प्रति टन के लगभग बैठती है. विदेशी कोयले की कीमत चार गुना से भी अधिक है. ऐसे में राज्यों के द्वारा उत्पादित किये जाने वाली बिजली की उत्पादन लागत भी चार गुना तक बढ़ जाएगा. मोदी सरकार की इस नीति के कारण जनता को चार गुना तक महंगी बिजली मिलेगी.