वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाली युवती को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, कोर्ट ने सुरक्षा के साथ युवती को उसके पति के पास भेजने का आदेश दिया है. दरअसल, पति ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी. मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी व जस्टिस गौतम चौरड़िया की डिवीजन बेंच ने ये आदेश दिया है.

बता दें, कि महासमुंद जिले के बसना में रहने वाले मोहम्मद इरफान हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी. याचिका में कहा गया कि हिंदू लड़की ने खुद की सहमति से 2021 में धर्म परिवर्तन करा मुस्लिम धर्म के रीति-रिवाज से निकाह किया. जिसके बाद लड़की के पिता ने थाने में शिकायत कर दी. इसे सांप्रदायिक रूप देकर विवाद बढ़ाया गया. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अपनी पत्नी को वापस दिलाने की मांग की थी.

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जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता इरफान की पहले से ही शादीशुदा है, उसके दो बच्चे भी हैं. विवाद के बाद वे अलग रह रहे हैं. इस दौरान इरफान का एक हिंदू लड़की से प्रेम हो गया, और दोनों ने शादी कर ली. इस पर लड़की के पिता ने बसना थाने में शिकायत दर्ज करा दी. मामले की सुनवाई के दौरान युवती ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बताया कि वह बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर शादी की है, और वह अपने पति के साथ रहना चाहती है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया.

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