वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। DGP द्वारा जारी जंगल वारफेयर कांकेर के हेड कॉन्स्टेबल के ट्रांसफर आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त किया है. इस आदेश के साथ ही जस्टिस पी.सैम कोशी ने कहा कि पुलिस स्थापना बोर्ड के अनुमोदन के बिना कोई भी ट्रांसफर आदेश वैध नहीं माना जा सकता. 14 फरवरी 2021 को डीजीपी ने 47 हेड कॉन्स्टेबल का ट्रांसफर आदेश जारी किया था.
दरअसल कांकेर जिले के काउंटर टेरेरिज्म एंड जंगल वॉरफेयर (CTJW) में चैतू टंडन, डमरूधर राठिया, कौशलपति मिश्रा, रामकुमार आदिल, संतोष कुमार, असगर अली अंसारी, सतीश परिहार, सुभाष पांडेय, विमलेश यादव और अन्य प्रधान आरक्षक के पद पर कार्यरत हैं. पुलिस महानिदेशक ने 14 फरवरी 2021 को उनका ट्रांसफर छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के दूसरे बटालियन में कर दिया था. जिसके बाद ट्रांसफर आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने अधिवक्ता मतीन सिद्धिकी, नरेंद्र मेहेर और घनश्याम कश्यप के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
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राज्य शासन से मांगा था जवाब
याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता प्रशिक्षु आरक्षकों को नक्सल क्षेत्रों में जंगलवार प्रशिक्षण देते हैं और उन्हें नक्सलियों से मुठभेड़ होने पर लड़ने के साथ ही उन पर काबू पाने की युद्धकला सिखाते हैं. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए 27 अक्टूबर 2021 को हाईकोर्ट ने ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य शासन से जवाब मांगा था.
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