रवि गोयल, जांजगीर-चांपा. जिले में पंचायत विभाग में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार चरम पर है. आलम यह है कि अब यहां हर छोटे-बड़े काम के लिए कमीशन फिक्स है. चपरासी से लेकर अधिकारी तक को हर काम के लिए यहां कमीशन चाहिए. ऐसा ही एक ओर मामला सामने आया है. जहां सक्ती ब्लॉक के ग्राम पंचायत नंदेली के पूर्व सरपंच को अधिकारी पिछले दो साल से शौचालय निर्माण की बकाया राशि के लिए कार्यालय के चक्कर कटवा रहे हैं. पूर्व सरपंच का कहना है कि सबको कमीशन चाहिए. मैं कमीशन नहीं दे सकता इसलिए पिछले दो साल से जनपद कार्यालय सक्ती में अधिकारियों के सामने भुगतान के लिए विनती कर रहा हूं, मगर यहां सिर्फ कमीशन वालों का ही काम होता है.

पूर्व सरपंच ने कहा पहले जनपद के अधिकारी कमीशन के कारण मेरा भुगतान रोक के रखे थे. मगर अब गांव की वर्तमान सरपंच पति भी मुझे प्रताड़ित करने लगा है. अधिकारियों से सांठगांठ कर भुगतान नहीं होने दे रहा है और तरह तरह से प्रताड़ित कर रहा है. पूर्व सरपंच ने बताया कि उसका परिवार काफी तकलीफों से गुजर रहा है. साहूकार लगातार उसे पैसे के लिए तगादा कर रहे हैं. ये सारी समस्या वो जिले के प्रत्येक अधिकारियों से बता चुका है. मगर आज भी रोजाना अधिकारियों से विनती करने पर मजबूर हैं. पूर्व सरपंच का कहना है कि, उसका भुगतान नहीं हो रहा है वो पूरे तरह से कर्ज में डूबा हुआ है. मजबूरन पूर्व सरपंच को अब अपना घर जमीन बेचकर कर्ज छूटने पर मजबूर है.

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बता दें कि, ग्राम पंचायत नंदेली को दो साल पहले ही शत-प्रतिशत शौचालय बनाने के बाद ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. मगर पूर्व सरपंच को प्रताड़ित करने और उसके भुगतान को न करने की नियत से गांव की वर्तमान सरपंच ने शौचालय की फिर से जांच करने के लिए अधिकारियों को आवेदन किया है. जबकि गांव पहले ही ओडीएफ हो चुका है और शिकायत के बाद राजस्व विभाग की टीम ने गांव जाकर जांच भी की थी, जिसके बाद अधिकारियों ने पूर्व सरपंच को भुगतान करने का निर्देश भी दिया था. मगर वर्तमान सरपंच की आपसी रंजिश और कमीशनखोरी ने अधिकारियों के निर्देश को भी दरकिनार कर दिया है.

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