लखनऊ. उत्तर प्रदेश अब राज्य के एक बड़े क्षेत्र में प्रदूषण मुक्त हवा सुनिश्चित करने के लिए एयरशेड दृष्टिकोण अपनाएगा. राज्य ने पांच साल में हवा में पीएम 2.5 के स्तर को घटाकर 45 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर करने का लक्ष्य रखा है. सरकारी अधिकारियों ने कहा कि एयरशेड दृष्टिकोण से लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी.

संयोग से उत्तर प्रदेश विश्व बैंक और अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की मदद से स्वच्छ हवा के लिए ‘एयरशेड दृष्टिकोण’ अपनाने वाला देश का पहला राज्य होगा. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, दो प्रकार के एयरशेड होते हैं – माइक्रो एयरशेड जो जगह के आसपास मौजूद होता है और दूसरा मैक्रो एयरशेड, जो एक बड़े क्षेत्र में मौजूद होता है.

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उत्तर प्रदेश पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग हितधारकों को एयरशेड दृष्टिकोण से अवगत कराना चाहता है. उत्तर प्रदेश का बड़ा एयरशेड संपूर्ण भारत में गंगा का मैदान है. सर्दियों के दौरान पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से एयरशेड की वजह से हवा की गुणवत्ता प्रभावित होती है. हालांकि, केवल शहर के भीतर प्रदूषण के स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करके बल्कि एक एयरशेड दृष्टिकोण अपनाकर लखनऊ की वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश ने वायु गुणवत्ता और इसे प्रभावित करने वाले कारकों पर भी अध्ययन किया जा है. अध्ययन सैटेलाइट डेटा और प्रदूषण के स्रोतों को दिखाने के लिए ग्राउंड स्टेशनों के डेटा पर भी आधारित है. ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, शहरी विकास और औद्योगिक विकास जैसे विभागों के समन्वय से उपाय किए जाएंगे.

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