google अपने ग्राहकों के लिए खास तौर से नया डेटा सेफ्टी फीचर लेकर आया है. इस फीचर की मदद से अब प्ले स्टोर पर देख पाएंगे कि कौन सा ऐप डेवलपर यूजर की कौन सी निजी जानकारियां कलेक्ट कर रहा है. ये सेम-टू-सेम एप्पल के प्राइवेसी न्यूट्रिशन लेबल की तरह है..

डेटा सेफ्टी सेक्शन से यूजर्स को मिलेंगी ये जानकारी

  • क्या यूजर अपने निजी डेटा को डिलीट करने के लिए कह सकते हैं?
  • डेवलपर्स उनका कौन सा डेटा किस उदेश्य से ले रहे हैं?
  • क्या डेवलपर ने ऐप की सिक्योरिटी प्रैक्टिस ग्लोबल स्टैंडर्ड के तरज पर रखी है या नहीं?
  • क्या डेवलपर्स यूजर डेटा को किसी थर्ड पार्टी को भी शेयर कर रहे हैं?
  • ऐप की सिक्योरिटी इंफॉर्मेशन यानी डेटा भेजने में एनक्रिप्शन का इस्तेमाल हुआ है या नहीं?
  • गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप क्या गूगल की सिक्योरिटी पॉलिसी को क्वालिफाई करते हैं या नहीं?

बता दें गूगल प्ले स्टोर का डेटा सेफ्टी सेक्शन फीचर एंड्रॉयड यूजर्स के लिए ही है. इसके लिए गूगल ने सभी ऐप डेवलपर्स के लिए डेटा सेफ्टी सेक्शन को 20 जुलाई 2022 तक पूरा करने के लिए कहा है. वहीं जिन ऐप्स के लिए अगर आपको अभी तक डेटा सेफ्टी सेक्शन नहीं दिखाई दे रहा है, वो आने वाले हफ्ते में दिखने लगेंगे.

पढ़िए Google का ब्लॉग पोस्ट

Google ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, ‘दरअसल यूजर्स इस बात की जानकारी चाहते हैं कि उनका डेटा किस उद्देश्य से कलेक्ट किया जा रहा है और कहीं डेवलपर्स यूजर डेटा को थर्ड पार्टी के साथ शेयर तो नहीं कर रहे हैं? इसके अलावा, यूजर्स ये भी समझना चाहते हैं कि ऐप डाउनलोड होने के बाद ऐप डेवलपर यूजर्स डेटा को कैसे सुरक्षित कर रहे हैं. इसलिए हमने डेटा सुरक्षा सेक्शन को डिजाइन किया है ताकि डेवलपर्स स्पष्ट रूप से यह बता सकें कि कौन सा डेटा कलेक्ट किया जा रहा है और किस उद्देश्य से इसका यूज किया जा रहा है?’

गूगल का नया डेटा सेफ्टी सेक्शन भी यूजर डेटा प्राइवेसी को और बेहतर करने की दिशा में एक कदम है. एंड्रॉइड 12 यूजर्स को स्मार्टफोन के टॉप में ऐप की तरफ से कैमरा और माइक यूज होने पर एक इंडिकेटर दिखता है, जो बताता है कि डिवाइस यूजर के कैमरा और माइक का इस्तेमाल कर रहा है या नहीं.

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