बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेडी टू ईट वितरण को राज्य शासन के फैसले को हाईकोर्ट ने सही ठहराया है. इस आदेश के साथ ही जस्टिस आरसीएस सामंत ने महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से दायर 287 याचिकाओं को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब राज्य शासन के रेडी टू ईट के उत्पादन का काम ऑटोमेटिक मशीन से कराने का रास्ता साफ हो गया इै. बीते दिनों कोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को बांटे जाने वाले रेडी टू ईट को अब ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है. इसके तहत रेडी टू ईट वितरण का काम को केंद्रीयकृत करने का फैसला लिया गया है. पहले इसे महिला स्व-सहायता समूह करते थे. शासन के इस निर्णय के खिलाफ 5 महिला स्व-सहायता समूहों ने जनहित याचिका दायर की थी. इसके साथ ही अलग-अलग स्व-सहायता समूह की ओर से करीब 287 याचिकाएं दायर की गई थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था.

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कैबिनेट की बैठक में लिया था निर्णय

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू इट को अब ऑटोमैटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है. 22 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार होगा.

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