रायपुर। राजधानी रायपुर में बेखौफ नशे का सामान बेचा जा रहा है और युवा जहरीले नशे का इस्तेमाल कर मौत के आगोश में समा रहे हैं. ऐसे ही एक युवक के मौत की नींद सोने के बाद उसके पिता ने पुलिस प्रशासन से युवाओं को बचाने की गुहार लगाई है. टाटीबंध के हीरापुर में रहने वाले सुखदेव सिंह का 31 वर्षीय बेटा ब्राऊन शुगर के नशे का इस कदर आदी हो गया कि यह जहरीला नशा उसकी मौत का सबब बन गया.
बेटे की मौत से पूरी तरीके से टूट चुके सुखदेव सिंह ने अपने सिख समुदाय के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों से युवाओं को इस जहर से बचाने के लिए मदद मांगी. सुखदेव ने आज रायपुर एसपी के सामने नशे के कारोबार पर रोक लगाने की गुहार लगाई है ताकि और किसी परिवार का चिराग समय से पहले न बुझ पाए. सुखदेव ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि उसका बेटा ब्राउन शुगर के नशे का आदी था. ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करने वाले उसके बेटे की कुछ साल पहले ही शादी हुई थी.
शादी के बाद उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हुए. परिवार में खुशियों की लहर थी लेकिन इसी बीच बेटा नशे का आदी हो गया और नशे की वजह से उसकी मौत हो गई. उसका हंसता खेलता परिवार एक झटके से उजड़ गया.
सुखदेव का आरोप है कि क्षेत्र में खुलेआम नशे का सामान बेचा जा रहा है लेकिन पुलिस नशे के सौदागरों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है. सुखदेव के साथ आए स्थानीय पार्षद ने भी पुलिस के ऊपर नशे के सौदागरों से मिलीभगत का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पुलिस के संरक्षण में ही नशीली वस्तुएं खुलेआम बेची जा रही है. उनके साथ आए लोगों का भी कहना है कि पुलिस अगर चाह ले तो नशे के कारोबार पर रोक लगा सकती है.
सुखदेव और उसके परिवार को जो जिंदगी भर का दर्द मिला है अब वो दर्द किसी और को न मिले. कोई बूढ़ा पिता अपने बुढ़ापे की लाठी अपना जवान बेटा न खो दे. उनकी बहु की तरह किसी और की बहु का सुहाग इस तरह न उजड़े. उनके पोते-पोतियों की तरह और कोई बच्चे अनाथ न हो.
हम जानते हैं कि यह अकेले किसी एक सुखदेव की कहानी नहीं है न जाने कितनी जिंदगियां इस नशे की वजह से जीने से पहले ही खत्म हो गई. सुखदेव के परिवार को और उनके जैसे अन्य परिवार को जो दर्द उम्र भर के लिए दर्द मिला है उसे उनके अलावा और कोई नहीं महसूस कर सकता उम्मीद है पुलिस कप्तान उस पिता से मिलने के बाद उसके दर्द को महसूस करने का प्रयास कर रहे होंगे और जल्द ही ऐसा कदम उठाएंगे कि राजधानी में फिर कोई सुखदेव की आँखों में उम्र भर के लिए आंसू न आ सके.