लखनऊ. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षाकर्मियों पर हमले का आरोपी मुर्तजा ISIS के आतंकी और प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेंहदी मसूद के साथ संपर्क में था. इस बात की जानकारी यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दी.

प्रशांत कुमार रविवार को गोरखनाथ मंदिर मामले के संबंध में यूपी आतंकवाद निरोधी दस्ते (यूपी एटीएस) द्वारा जांच से जुड़े तथ्य साझा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बताया कि आरोपी की मंशा हथियार छीनकर बड़ा ऑपरेशन करने की थी. उन्होंने बताया कि गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वालों के संबंध इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया से थे. आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 13 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर के भीतर घुसने की कोशिश की थी, इस दौरान उसने ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी पर धारदार हथियार से हमला किया था.

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एडीजी ने बताया कि आरोपी हथियार छीनकर बड़ी घटना को अंजाम देना चाहता था. उसने पुलिसकर्मी पर अकेले ही हमला किया और उसकी राइफर छीनने की कोशिश की, उसका इरादा यही था कि वह हथियार छीनने के बाद बड़ी घटना को अंजाम दे. जांच के दौरान एंटी टेरर स्क्वॉड ने पाया कि आरोपी ने कई डिवाइस और सोशल मीडिया हैंडल्स का इस्तेमाल किया था. जांच में पाया गया कि अहमद मुर्तजा की डिवाईस का विश्लेषण किया गया. उसके सोशल मीडिया अकाउंट जीमेल, ट्विटर, फेसबुक, इ वैलेट का जांच की गई.

आरोपी ने अपने बैंक खाते की मदद से 8.5 लाख रुपए अलग-अलग देशों में यूरीप और अमेरिका में आईएसआईएस की मदद में पैसा भेजा थाउसने कई हथियार एके 47, एम4 कार्बाईइन और मिसाइल टेक्नोलॉजी को भी इंटनेट के जरिए भेजा था. आरोपी के पुराने आपराधिक इतिहास के बारे में एडीजी ने कहा कि उसे बेंगलुरू पुलिस ने 2014 में गिरफ्तार किया था. उस वक्त उसका संबंध आईएस एक्टिविस्ट मेहदी मसरूर बिस्वास से पाया गया था. वह आतंकी संगठन और आईएस को बढ़ावा देने वालों से प्रेरित था. आरोपी से एटीएस ने 7 दिन पूछताछ की है.