रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी निजी, सावजािनक, धार्मिक, राजनीतिक व अन्य आयोजनों के लिए अनुमति लेने का आदेश जारी कर कई शर्तें लागू की है. इसका भाजपाइयों ने विरोध किया है. विधायक बृजमोहन अग्रवाल, भाजपा नेता श्रीचंद सुंदरानी, संजय श्रीवास्तव ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 15 दिनों में यह काला आदेश वापस नहीं लिया गया तो लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

भाजपा नेताओं का कहना है कि सरकार की शर्तों का पालन करते कोई बडा आयोजन संभव नहीं है. सरकार द्वारा जारी इस आदेश के तहत केवल कांग्रेस को ही अभिव्यक्ति व प्रदर्शन का अधिकार रह जाएगा. इसका ताजा उदाहरण बिना अनुमति डीआरएम का घेराव समेत अन्य कार्यक्रम है.

न्याय देने के बदले जुबान बंद करने पर उतारु सरकार

भाजपा नेताओं का कहना है कि जब शिक्षक अभ्यर्थी, विद्या मितान, पुलिस अभ्यर्थी, बिजली कमचारी, कोरोना वॉरियर्स, संविदा कर्मी आदि अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं तब इन आक्रोशों को खत्म कर उन्हें न्याय देने के बदले कांग्रेस सरकार उनकी जुबान बंद करने पर उतारु है. इस आदेश में सबसे आपत्तिजनक और असंवैधानिक बिंदु आयोजकों से हलफनामा लिया जाना है. इस आदेश से अब जब भी शासन का मन होगा वह किसी न किसी शर्त के उल्लंघन के आरोप में आयोजकों को जेल में डाल देगी. आदेश में ऐसे-ऐसे प्रावधान हैं जिससे जान बूझकर भी किसी आयोजन में अशांति पैदा कर भी उसके आयोजकों को जेल भेजा जा सकता है.