रायपुर. परीक्षाओं का समय शुरू हो गया है और हमारे देश में परीक्षा मतलब याददास्त, पूरे सालभर में आपने जो भी किया है उसे इस समय परीक्षापत्र में छाप कर आना, मतलब जो भी याद हो, क्योंकि कुछ विषय विशेष को छोड़कर शेष को याद ही रखने की आवश्यकता होती है इस परीक्षा में. अतः अगर परीक्षा पास अच्छे से करना है तो याददास्त तो जरूर ही चाहिए. अतः इस समय अथवा किसी भी परीक्षा एवं जीवन में याददाश्त एक महान उपहार है, आपने कुछ ऐसे बच्चों को देखा होगा, जो हर चीज तुरंत याद कर लेते हैं. कोई भी बात हो, वे उसे भूलते नहीं हैं.

अभिभावकों व शिक्षकों की बताई गई कोई भी बात हो, वे जल्दी सीख लेते हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो कुछ घंटे पहले बताई गई बात को भी ठीक से याद नहीं रख पाते हैं. यदि काफी समय लगाकर कोई चीज सीख ली हो या कोई बात याद कर भी ली हो, तो वे उसे जल्दी ही भूल भी जाते हैं. आखिर ऐसा क्या फर्क है उन बच्चों में? आइए जानते हैं.

बुध मष्तिष्क, नर्वस सिस्टम, गला, नसें, त्वचा, बोलने की क्षमता, याददाश्त आदि का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यदि कुंडली में बुध कमजोर या पीड़ित हो तो व्यक्ति को कुछ विशेष स्वास्थ समस्यायों का सामना करना पड़ता है.

यदि कुंडली में बुध नीच राशि (मीन) में हो, छटे या आठवे भाव में स्थित हो, केतु या मंगल से पीड़ित हो, सूर्य के साथ समान अंश पर होने से पूर्णासत हो, षष्टेश अष्टमेश से पीड़ित हो या अन्य किसी भी प्रकार जब बुध बहुत कमजोर या पीड़ित हो ऐसे में व्यक्ति को मष्तिष्क से जुडी समस्यायें और न्यूरो प्रॉब्लम्स रहती हैं. मष्तिष्क से ही शरीर की सभी गतिविधियां नियंत्रित होती हैं, इसलिए फिट्स पड़ने वाली समस्या भी कुंडली में बुध पीड़ित होने के कारण ही होती है. इसके अलावा कुंडली में बुध का पीड़ित होना उच्चारण को लेकर भी समस्याएं देता है हकलाहट या शब्दों को स्पष्ट रूप से ना बोल पाने की समस्या भी कमजोर या पीड़ित बुध के कारण ही होती है.

गले से जुडी समस्याएं जैसे टॉन्सिल होना भी पीड़ित बुध के ही लक्षण हैं, जिन लोगों की कुंडली में बुध पीड़ित स्थिति में होता है उन्हें याददाश्त से जुडी समस्याएं भी बहुत परेशान करती हैं ऐसे लोगो को बातों को भूलने की समस्या भी रहती है. यदि पंचम भाव के स्वामी पर पाप ग्रह की दृष्टि हो या पाप ग्रह की युति हो और बुध बारहवें भाव में स्थित हो तो भी जातक की स्मरण शक्ति कमजोर होती है.

बुध से उत्पन्न समस्याओं के लिए उपाय जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति कर सकता है –

कुछ आसान से टिप्स, जो आपके बच्चों की याददाश्त को करेगी मजबूत

  • बच्चे को व्यायाम की आदत डालें. व्यायाम करने से न केवल बच्चे का शरीर फिट रहता है, बल्कि दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई भी अच्छे से होती है, जो बच्चे के दिमाग को शार्प करती है.
  • बच्चे को तनावरहित रहने की आदत डालें. दिमाग बिना तनाव के तेज काम करता है.
  • बच्चों को 8-9 घंटे की नींद रोज लेना चाहिए. नींद पूरी होने पर बच्चा किसी भी काम में ध्यान अच्छे से दे पाएगा.
  • कई बार बच्चे जो चीजें पढ़कर याद नहीं कर पाते, वही चीजें उन्हें देखकर याद हो जाती हैं, जैसे फोटोग्राफ, चार्ट, टेबल वगैरह. अगर बच्चे को कोई चीज याद नहीं हो रही हो तो उन्हें माइंड में ही उसकी कोई इमेज बनाकर उस चीज को याद करने के लिए कहें.
  • बच्चा जो याद करना चाहता है, उसे जोर-जोर से पढ़ या बोलकर याद करने से भी उसे चीजें जल्दी याद होंगी.

ये तो रही व्यवहारिक बातें और उपाय इसके अलावा हम बात करेंगे ज्योतिषीय उपाय की –

ॐ बुम बुधाय नमः का रोज सामर्थ्यानुसार 1, 2 या 3 माला जाप करें.

गणेश जी की उपासना करें.

प्रत्येक बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं.

पेड़ पौधों का पालन पौषण करें.

सरस्वती यंत्र धारण करना चाहिए तथा सरस्वती मन्त्र का भी जप करना चाहिए.