राजनांदगांव. एसपी संतोष सिंह ने जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आरक्षक से निरीक्षक पद के अधिकारियों को COP OF THE MONTH के रूप में चयनित कर उन्हें हर महीने प्रमाण-पत्र और नगद पुरस्कार देने की शुरूआत जनवरी से की है. इस पुरस्कार का मूल उद्देश्य पुलिसिंग के स्तर को उंचा उठाना और पुलिसकर्मियों का उत्साहवर्धन करना है. इसी तारतम्य में पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह अप्रैल महीने में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले आरक्षक से निरीक्षक पद के 6 अधिकारियों को COP OF THE MONTH के रूप चयनित कर उन्हें पुरस्कृत किया गया.

इन्हें मिला पुरस्कार

रक्षित निरीक्षक भूपेंद्र गुप्ता – जिले में चैत्र नवरात्रि व्यवस्था, चुनाव और फोर्स मूवमेंट संबंधी कार्य सुचारू रूप से संपन्न कराने के फलस्वरूप इन्हें पुरस्कृत किया गया.

निरीक्षक राजेश कुमार साहू , थाना प्रभारी डोंगरगांव – उत्कृष्ट पुलिसिंग कार्य व अवैध नशे के विरूद्ध उल्लेखनीय कार्य करने के फलस्वरूप पुरस्कृत किए गए.

उप-निरीक्षक नरेंद्र मिश्रा, थाना प्रभारी खड़गांव को आबकारी के प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई करने के फलस्वरूप पुरस्कृत किया गया.

प्रभारी आरक्षक नरेंद्र देवांगन यातायात – डोंगरगढ़ मेला/वीआईपी ड्यूटी के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू संपन्न कराने में उल्लेखनीय कार्य करने के फलस्वरूप पुरस्कृत किए गए.

आरक्षक 869 विनोद जाटव, थाना सोमनी को डायल 112 दिनांक 01.04.2022 को प्राप्त इवेंट के दौरान बीमार छात्रा को त्वरित उपचार मुहैया करवाने संबंधी सराहनीय कार्य करने के फलस्वरूप इनाम दिया गया.

मुख्य प्रधान आरक्षक 802 मायासिंह गौर, थाना डोंगरगांव को अल्प समय में गुम इंसान के 15 प्रकरणों में गुमशुदा की दस्तयाबी के लिए पुरस्कृत किया गया.

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10-10 हजार का नगद पुरस्कार

इसके अलावा पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने ममतानगर और सहदेवनगर में हुए बड़े नकबजनी के मामलों में माल मुलजिम बरामद करने वाले दोनो टीमों को उत्साहवर्धन के लिए 10-10 हजार रुपये नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया.

सभी थानों में किया जाता है चस्पा

चयनित पुलिस अधिकारियों को नकद इनाम से पुरस्कृत करते हुए, उक्त संबंध में प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. जिसमें संबंधित पुलिस अधकारी की फोटो, उत्कृष्ट कार्य का संक्षिप्त विवरण, नाम, पद, पदस्थापना अंकित रहती है. जिसकी प्रति पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साथ-साथ रक्षित केन्द्र और सभी थाना/चौकी/कैम्प के सूचना पटल पर चस्पा की जाती है. ताकि जिले के अन्य पुलिसकर्मी भी अपने कर्तव्य का निर्वहन तत्परतापूर्वक उत्कृष्ट ढंग से करने के लिए प्रेरित हों और पुलिसकर्मी स्पर्धा की भावना से अच्छे कार्य करने के लिए अग्रसर हों.