कुमार इंदर, जबलपुर। अनुकंपा नियुक्ति पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर परिवार का एक सदस्य सरकारी पद पर है तो दूसरे सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं मिलेगा। परिवार का कोई सदस्य सरकारी पद पर ना होने पर ही अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि परिवार का सदस्य दूसरे राज्य में होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलेगी। इसी के साथ कोर्ट ने अनुकम्पा नियुक्ति दिलाने को लेकर लगी याचिका को खारिज कर दिया।
दरअसल, शहडोल निवासी अश्विनी पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। अश्वनी पांडे के पिता की पुलिस में रहते हुए मृत्यु हुई थी। पिता की मौत के उपरांत अश्वनी ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था, लेकिन इसे निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद अश्विनी पांडे ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की। लेकिन कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी। पूर्व में भी हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही अनुकंपा नियुक्ति को रद्द किया था
EWS को हाईकोर्ट से बड़ी राहत
EWS को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। EWS कोटे से आने वाले जनरल वर्ग को आयु सीमा में छूट मिली है। आरक्षित वर्ग की तरह आयु सीमा में EWS को 5 साल की छूट मिली है। वर्तमान में EWS के 40 साल तक कैंडिडेट ही कर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते थे। अब सामान्य वर्ग के कैंडिडेट 45 साल तक आवेदन कर सकेंगे।
दरअसल, जबलपुर निवासी गौरव शर्मा ने याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने PEB और एमपीपी एससी को फटकार भी लगाते हुए तत्काल भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट देने के निर्देश दिए हैं।
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