रायपुर. गुरुवार को भगवान बृहस्पति जी की पूजा का विधान है. गुरु ग्रह को सौभाग्य, सम्मान और समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है. शास्त्रों में यश व सफलता के इच्छुक हर इंसान के लिए गुरु ग्रह को अनुकूल जरूर करना चाहिए और उसके लिए शास्त्र सम्मत उपाय करना चाहिए.
शास्त्र में सम्मान प्राप्ति हेतु अनेक उपायो का वर्णन है, जिसमें से सामान्य दैनिक जीवन के उपाय से लेकर जीवन में विशेष तौर पर करने वाले उपाय भी हैे. इस प्रकार सामान्य उपाय जैसे औषधीय स्नान के रूप में प्रसिद्ध है इसे हर इंसान दिन की शुरुआत में नहाते वक्त कर सकता है.
नहाते वक्त (गुड़, सोने की कोई वस्तु, हल्दी, शहद, शक्कर, नमक, मुलेठी, पीले फूल, सरसों) चीजों में से थोड़ी मात्रा में कोई भी एक चीज जल में डालकर नहाने से गुरु दोष शांति होती है और व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होती है. गुरुवार के दिन सूर्याेदय से पहले उठकर स्नान ध्यान करें और घी का दीप जलाकर भगवान लड्डू गोपाल की पूजा करें. इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. शाम के समय पीपल, बरगद या केले के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर लड्डू या बेसन की मिठाई अर्पित करें और लोगों में बांट दें.
गुरुवार का व्रत पूरे श्रद्धाभाव से करने पर व्यक्ति को गुरु ग्रह का दोष खत्म हो जाता है और गुरु कृपा प्राप्त होती है. इन दिन व्रत करने से व्यक्ति को सारे सुखों की प्राप्ति होती है. गुरुवार को इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए किए गए अनुष्ठान का अखंड पुण्य मिलता है. दान-धर्म करने वाले व्यक्ति को वैकुंठ धाम में जगह मिलती है. इस दिन स्नान करके हवन, पूजन करने से मनुष्य के सब पापों का नाश होता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति पर चंदन या इत्र का लेपन भी किया जाता है. इस व्रत पूजन को कर दान देने से घर में लक्ष्मीजी का वास होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. अतः किसी को सुख-समृद्वि की कामना तो पूरी होती ही है साथ ही समाज एवं परिवार में सम्मान की भी प्राप्ति होती है. जिसे सम्मान प्राप्ति की कामना हो तो उसे प्रत्येक गुरुवार की पूजा करनी चाहिए.