अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली कटौती से गांव से लेकर शहर तक के लोग परेशान है। करीब 28 हजार से भी ज्यादा गांवों में दो से आठ घंटे की कटौती हो रही है। कटौती की वजह कोयले की कमी बताई जा रही है।प्रदेश में चार थर्मल पॉवर प्लांट है जहां कोयला संकट से कम बिजली बन रही है। प्रदेश को रोज 14 रैक कोयला चाहिए और मिल रहे सिर्फ 8 रैक। सरकार भी कह चुकी की रैक की जरूरत है। प्रदेश को हर दिन 11,800 मेगावाट बिजली चाहिए और सप्लाई सिर्फ 11000 मेगावाट हो रही है।
शहर में भी रोज अलग अलग जगह पर बिजली कटौती हो रही है। जबलपुर, नरसिंहपुर, डिंडोरी, दमोह समेत राज्य के कई जिलों में 2 घंटे तक बिजली की कटौती जारी है। इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिले भी इन दिनों बिजली संकट से ग्रस्त है। इकाइयों के पास होना चाहिए कम से कम 26 दिन का स्टॉक लेकिन मध्यप्रदेश के पास कुछ ही दिन का कोयला बचा हुआ है। अस्पताल में ऑपरेशन ना होने से लेकर पानी का कम दबाव में आना बड़ी समस्या है। बिजली कटौती से प्रदेश के सभी लोग परेशान है।
इमरान खान, खंडवा। प्रदेश के सबसे बड़े 2520 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कोयला संकट है। खंडवा में बिजली संकट का असर ग्रामीण क्षेत्रों में घोषित बिजली कटौती से शुरू हुआ है। मोबाइल टॉर्च की रोशनी में हो रही है शादी की पंगत। शादी के सीजन में ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान है।
मनोज उपाध्याय, मुरैना। एक बार फिर विद्युत विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। खड़ियाहार में विद्युत विभाग का कर्मचारी परमिट पर लाइन का मेंटेनेंस करने चढा हुआ था, उसी समय लाइन में करंट प्रवाहित होने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। यह विद्युत विभाग का कर्मचारी ग्राम उमरिया आईकी का रहने वाला है। सोहोनिया थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई है। मामले की जांच पड़ताल कर रही है। इधर खडि़याहार के आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना के विरोध में जाम लगा दिया है।
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