सब्जी बेचने वाले की बेटी सिविल जज बन गई है. मां ठेले पर सब्जी बेच रही थीं तभी अंकिता रिजल्ट का प्रिंटआउट लेकर मां के पास पहुंची और बोली- मम्मी मैं जज बन गई. अंकिता ने बताया कि रिजल्ट एक हफ्ते पहले ही जारी हो गया था, लेकिन परिवार में मौत हो जाने के कारण सभी बाहर थे इसलिए किसी को इस बारे में बता नहीं पाई. अंकिता का कहना है कि न्यायाधीश भर्ती परीक्षा में तीन बार नाकाम होने के बाद भी उसकी निगाहें लक्ष्य पर टिकी रहीं.


इंदौरा की अंकिता नागर ने सिविल जज एग्जाम में अपने एससी कोटे में 5वां स्थान हासिल किया है. उन्होंने बताया कि परिवार में सभी सदस्य सब्जी बेचने का काम करते हैं. पापा सुबह 5 बजे उठकर मंडी चले जाते हैं. मम्मी सुबह 8 बजे सभी के लिए खाना बनाकर पापा के सब्जी के ठेले पर चली जाती हैं, फिर दोनों सब्जी बेचते हैं. बड़ा भाई आकाश रेत मंडी में मजदूरी करता है. छोटी बहन की शादी हो चुकी है.


छोटे से कमरे में करती थीं पढ़ाई
अंकिता ने बताया कि उनके घर में कमरे बहुत छोटे हैं. बारिश में पानी टपकता है. गर्मी देख भाई ने अपनी मजदूरी से रुपए बचाकर कुछ दिन पहले ही एक कूलर दिलवाया है. मेरे परिवार ने मेरी पढ़ाई के लिए इतना कुछ किया है, जिसे बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है.

मां की आंखों से छलके आंसू
अंकिता के पिता अशोक नागर ने बताया हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में अंकिता की पढ़ाई के लिए हमें कई बार रुपए उधार लेना पड़ा पर उसकी पढ़ाई नहीं रुकने दी. अंकिता की मां लक्ष्मी ने बताया कि बेटी के जज बनने से मेरी आंखों से आंसू छलक पड़े. काफी देर तक आंसू रुके ही नहीं.