देश आज 21वीं सदी में पहुंच चुका है और हर जगह समानता की बात की कही जा रही है, लेकिन आज भी जाति बंधन और छुआछूत के मामले कम होने का नाम नहीं लें रहे है. एक सरकारी स्कूल में छुआछूत का सनसनी खेज मामला सामने आने के बाद हडकंप मच गया है. स्कूल की दलित छात्रा ने अध्यापकों के घड़े से पानी पी लिया तो अध्यापक ने छात्रा की जम कर पिटाई कर दी है. पीड़ित छात्रा के परिजनों ने तहसील कार्यालय में पहुंचकर एसडीएम और सीओ से लिखित शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है.

महोबा जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र के छिकहरा गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पानी पीने के लिए दो घड़े रखे रहते है. एक घड़े से छात्र पानी पीते है तो दूसरे घड़े से अध्यापक पानी पीते है. स्कूल के समय छात्रों के घड़े का पानी खत्म हो जाने पर स्कूल में कक्षा सात में पढ़ने वाली दलित (अनुसूचित जाति) की छात्रा मांडवी ने अध्यापकों वाले घडें से पानी पी लिया. इसे देख कर अध्यापक कल्याण सिंह ने दलित छात्रा की कम कर पिटाई कर दी थी. छात्रा मांडवी ने घर आ कर अध्यापक द्वारा की गई पिटाई की बात बताई.

छात्रा के पिता रमेश कुमार और परिजन अध्यापक कल्याण सिंह से बेवजह पिटाई का उलाहना देने गया तो अध्यापक कल्याण सिंह ने छात्रा के पिता रमेश कुमार को जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करते हुए कहा कि तुम लोग इसी लायक हो. अध्यापक की पिटाई से पीड़ित हुई दलित छात्रा और उसके पिता रमेश कुमार व परिजनों ने बताया कि विद्यालय में छुआछूत हावी है. स्कूल में छात्रों के बीच पक्षपात किया जाता है. स्कूल में अध्यापक की इस हरकत पर गांव के लोग इकठ्ठा हो गए. ग्रामीणों ने अध्यापक को लेकर इस बारे में बात की तो उनके साथ भी अभद्रता कर दी गई.

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इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम सदर जीतेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूल के अध्यापक के इस छुआ-छूत के चलते दलित छात्रा के पिता रमेश कुमार ने शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. उनके द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर है, जिसकी जांच के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित कर दिया गया है. एबीएसए गौरव शुक्ल सहित स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की है.

वहीं मामले की जांच करने पहुंचे बीएसए गौरव तिवारी ने बताया कि पीड़ित छात्रा सहित अन्य छात्रों से पूछताछ की जा रही है. वहीं आरोपी अध्यापक से भी पूछताछ कर बयान दर्ज किए गए है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बुंदेलखंड में अभी भी सामंतवाद की जड़े जमी हुई है और सवर्ण जातिवादी सोंच से ऊपर नही उठ पा रहे हैं. सरकारी स्कूल में सिर्फ घड़े से पानी पीने को लेकर उच्च जाति के अध्यापक द्वारा दलित छात्रा की पिटाई इसी सामंतवादी विचारधारा का ताजा उदाहरण है. जिसमें अब जांच की बात कही जा रही है.

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