नई दिल्ली। गौवध के लिए जानवरों की बिक्री पर पाबंदी के फैसले पर दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्य लामबंद हो रहे हैं. इस फैसले के खिलाफ केरल के बाद तमिलनाडु, बंगाल, पूर्वोत्तर के राज्य खुलकर सामने आ गए हैं. इन राज्यों का कहना है कि केंद्र उनके अधिकार क्षेत्र में दखल दे रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर ज़रूरत हुई तो वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी.
क्या कहा ममता ने
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले को ‘अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अनैतिक’ बताया है. ममता बनर्जी ने कहना है कि पशुधन की रक्षा का मामला राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है. उन्होंने कहा कि केंद्र बार-बार राज्यों के मसलों में एकतरफा फैसलों करके दखल दे रही है. ममता का कहना कि इस फैसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएगी.
केरल के सीएम ने अब क्या किया
इस मसले पर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर इस फैसले के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. चिट्ठी में उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले को संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है.
उधर, केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर चार याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब तबल किया है.
तमिलनाडु में किस मुख्य पार्टी ने किया विरोध
इस फैसले के खिलाफ दक्षिण भारत में राजनीति गरमा गई है. यहां बरसों से दफ़न उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत की राजनीति गरमा सकती है. डीएमके ने इस मामले पर केंद्र के साथ राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्तालिन केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले हैं.
क्या है पुड्डुचेरी सरकार का रुख
पुड्डुचेरी की सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवाकर इस पाबंदी का विरोध किया है. मुख्यमंत्री नारायणसामी ने साफ किया है कि पुड्डुचेरी में ये आदेश लागू नहीं होगा और अगर जरूरत पड़ेगी तो सरकार इसके लिए विधानसभा में बिल पास करवाएगी.
क्या है कर्नाटक सरकार की मुश्किल
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भी इस फैसले पर विचार कर रही है. राज्य में विधानसभा चुनाव दूर हैं. लिहाज़ा सरकार अपने रुख का फैसला सियासी नफा-नुकसान समझकर ही जाहिर करेगी.
कहां बीजेपी नेता को देनी पड़ रही है सफाई
केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ मेघालय, मणिपुर और नगालैंड जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध हो रहे हैं. शिलांग में बीजेपी ने कहा कि गौमांस पर पूरी पाबंदी नहीं लगेगी. पार्टी के तुरा जिले के अध्यक्ष बर्नार्ड मराक ने कहा कि मेघालय में बीफ बैन करने का सवाल नहीं उठता. राज्य के ज्यादातर बीजेपी नेता खुद भी गोमांस खाते हैं.’
नगालैंड और त्रिपुरा का रुख
नगालैंड में कांग्रेस ने मोदी सरकार के फैसले को सांप्रदायिक करार दिया. वहीं त्रिपुरा की सरकार ने भी फैसले को वापस लेने की मांग उठाई है.
क्या करेगी केंद्र सरकार
चौरतफा दबाव के बाद अब इस पर केंद्र का क्या रुख होगा. इसका सबको इंतज़ार है. क्या वो फैसला वापस लेगी. या उस पर कायम रहेगी या फिर कोई इसमें संशोधन होगा. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन फिलहाल विदेश दौरे पर हैं. उनके लौटने के बाद ही स्थिति साफ होगी.