श्याम अग्रवाल, खरोरा/रायपुर। पंचायतीराज अधिनियम की किस तरह से बखिया उधेड़ी जा रही है, जिसका जीता-जागता नमूना तिल्दा के ग्राम पंचायत टंडवा में देखने को मिल सकता है. इस गांव के जनप्रतिनिधियों और पंचायत सचिव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पंचायत की राशि को अपने निजी खाते में अंतरित कर लिया है. मामले की जानकारी जब गांव को उपसरपंच को लगी तो उसने इसकी शिकायत एसडीएम तिल्दा से की है, जिसके बाद ग्राम सचिव के बयान से हलचल मची हुई है.
आरोप है कि ग्राम पंचायत टंडवा की महिला सरपंच पुष्पलता नायक और सचिव नंद कुमार साहू ने मिलकर पंचायत की राशि का जमकर बंदरबांट कर रहे हैं. पंचों को दिए गए चेक के संबंध में सचिव का कहना है दो साल पूर्व हुए किसी कार्य के नाम से राशि का आहरण किया गया है, जो गांव के पंच विनोद वर्मा, यशवंत निर्मलकर, टीकम राय, और पंच पति राकेश बघेल को भुगतान किया गया है. सवाल यह है कि गांव के सरपंच ओर सचिव पंचायती राज अधिनियम के विपरीत कैसे कार्य कर सकते हैं. कैसे गांव के किसी जनप्रतिनिधि को पंचायत से लाभ देकर उसे भुगतान कर सकते हैं.
बता दें कि बताया जा रहा है कि पूर्व में जो सचिव थी, उस पर भी कई आरोप लगे थे, जिसे हटाकर नंद कुमार साहू को सचिव यहां का सचिव बनाया गया था, ताकि यहां हो रहे शासकीय राशि के दुरुपयोग पर लगाम लगाया जा सके. मगर कुछ ही महीनों में सचिव भी यहीं के रंग में रंग गए हैं. यहां तक कि पंचायती राज अधिनियम के विपरीत कार्य कर के अपनी नौकरी तक को दांव पर लगा बैठे हैं, भले ही पंच सरपंच के दबाव में ही कार्य किया हो.
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