रायपुर. बुध 13 मई को प्रातः 06 बजकर 26 मिनट पर अस्त रहे हैं, अस्त बुध 3 जून को मार्गी हो जाएंगे और 2 जुलाई को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. बुध वक्री/अस्त साल में तीन से चार बार होता है जब बुध सूर्य से आगे बढ़ने लगता है. भू-मंडल में बुध विपरीत दिशा में चलता दिखाई देता है. ऐसा कहा जाता है कि पांच अलग-अलग अवधियों में बुध वक्री/अस्त होता है.

ज्योतिष में बुध को वाणी, बुद्धि, बिजनेस और लेन-देन का कारक ग्रह माना जाता है. ऐसे में बुध के इस वक्री गति से गोचर करने का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा.

बुध का अस्त होना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि बुध संचार व्यवस्था, वाणी, कम्युनिकेशन, लेखन, गणित तथा तार्किक कार्यों का संचालन करता है. बुध के वक्री हो जाने से बात का बतंगड़ बन जाता है. लड़ाई झगड़े, विवाद तथा हानि और तनाव का कारण भी बुध की वजह से पैदा होती हैं. जो लोग दिमाग का प्रयोग अधिक करते हैं उन्हें समस्या आती है और निर्णय लेने में परेशानी भी होती है.

अस्त बुध केवल अशुभ ही नहीं बल्कि शुभ फल भी देता है. अस्त बुध के प्रभाव से व्यापार में लाभ और धन प्राप्ति होती है. इनकम सोर्स भी बढ़ते हैं. विवादों में विजय मिलती है. बुध के अस्त होने से आपकी राशि में क्या प्रभाव डालेगा आइये जानते हैं.