रायपुर। रायपुर केन्द्रीय जेल की निलंबित डिफ्टी जेलर वर्षा डोंगरे को इंटरनेट और सोशल मीडिया में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. इंटरनेट में वर्षा को 1 लाख 34 हजार से ज्यादा बार सर्च किया गया है. उनके समर्थन में सैकड़ों की संख्या में लोग सोशल मीडिया में पोस्ट डाल रहे हैं. उनके समर्थन में सिर्फ सामान्य लोग नहीं बल्कि राजनीति, ब्यूरोक्रेसी और बुद्धिजीवी वर्ग से सैकड़ों लोग हैं. ये लोग लगातार वर्षा डोंगरे पर लिख रहे हैं. कई लोगों ने उनके समर्थन में अपनी प्रोफाइल और कवर फोटो में वर्षा की फोटो लगा दी है.
वर्षा के समर्थन में सबसे ज्यादा शिक्षक, दलित-आदिवासी
वर्षा डोंगरे के पोस्ट व उनके समर्थन में लिखी पोस्टों को सबसे ज्यादा शिक्षक वर्ग व दलित-आदिवासी समुदाय ने पसंद किया है. इसके अलावा सरकारी नौकरियों में पदस्थ लोग, डॉक्टर, छात्र भी वर्षा के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. कई पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी भी वर्षा के उन पोस्टों को पसंद कर रहे हैं, जिस पर वे सरकार की नीतियों को लेकर उन्हें कटघरे में खड़ा कर रही है. उधर उनके समर्थन में ‘Justice for Varsha Dongre’ (जस्टिस फार वर्षा डोंगरे) पेज भी बन चुका है, लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं और उनसे जुड़ी खबरें पोस्ट कर रहे हैं.
कई ब्यूरोक्रेट्स वर्षा के साथ
वर्षा डोंगरे के खिलाफ सरकार और अधिकारी दिखते हों लेकिन फेसबुक पर कई पूर्व व वर्तमान ब्यूरोकेट्स उनके साथ खड़े दिख रहे हैं. उन्हें सत्तापक्ष से जुड़े बड़े नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. वर्षा के समर्थन में पूर्व आईएएस बीकेएस रे ने वर्षा का समर्थन करते हुए फेसबुक में पोस्ट डाला था जिसमें उन्होंने लिखा था कि क्या वर्षा डोंगरे प्रकरण सरकार को हिला पाएगा? वहीं उन्होंने बात-चीत में कहा था कि वर्षा ने सरकार के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है बल्कि उसने वहां हो रही घटनाओं को लेकर रोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा था कि हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी होना चाहिए. सरकार द्वारा उसके निलंबन की कारवाई जल्दबाजी में की गई है. उसे अपना पक्ष रखने का एक मौका देना चाहिए था लेकिन उसका उत्तर आने से पहले ही उसे सस्पेंड कर दिया गया.
सोहन पोटाई समर्थन में
पूर्व भाजपा सांसद सोहन पोटाई ने वर्षा का खुलकर समर्थन करते हुए उसके पक्ष में अपने फेसबुक पेज पर फोटो पोस्ट की थी जिसमें लिखा था इस बेटी को बहुत-बहुत सम्मान. उन्होंने लिखा था कि इस जैसे समाज के बेटी और बेटे जब भी सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे तो तो समानता विरोधी सरकार उसे कुचलने की कोशिश जरुर करेगी.
नंदुकमार साय वर्षा के साथ
वर्षा डोंगरे के पक्ष में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय खड़े नजर आ रहे हैं. डोंगरे का पक्ष लेते हुए कहा- सरकार को कड़ा रूख अपनाने से पहले इसके बारे में सोचना चाहिए था.