NH 66 रोड में पुल निर्माण के समय श्रमिकों ने सड़क लेवल से 4 फीट नीचे अजगर सांप का बिल देखा, जहां 24 अंडों को अजगर लपेंट कर सेने का काम कर रहा था. जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को सूचित किया. पशु चिकित्सक के मुताबिक अजगर को हटा देने से मां की गर्मी के बिना अंडे नहीं निकल सकते थे इसलिए NHAI से निर्माण कार्य को रोकने की अनुमति मांगी.
एक सांप को अंडे सेने के लिए पुल के काम को रोकने का ये बेहद खास मामला सामने आया है. इसके बाद 54 दिनों के लिए एक पुलिया के निर्माण कार्य को इसलिए स्थगित कर दिया, ताकि एक अजगर अपने 24 अंडे दे सके. वन विभाग, कंपनी और एक समर्पित सांप बचावकर्ता ने सांपों को दुनिया में लाने के लिए बेहद सराहनीय प्रयास किया. बता दे कि सांप को बचाने वाले अमीन अदकथबैल पिछले 10 वर्षों से सांपों को बचा रहे हैं उन्होंने ही अंडे से बच्चें निकलने तक 60-65 दिन देखरेख की.
जानकारी के मुताबिक यूरालुंगल लेबर कॉन्ट्रैक्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (ULCCS) केरल के कासरगोड में फोर-लेन हाईवे का निर्माण कर रही है. जिसने अंडे सेने तक काम को रोकने का फैसला लिया था.
अजगर के अंडों को इनक्यूबेट करने के लिए 27 डिग्री सेल्सियस और 31 डिग्री सेल्सियस के बीच नियंत्रित तापमान की आवश्यकता होती है. तापमान में वृद्धि से बच्चे मृत पैदा हो सकते हैं. इसलिए अंडों को सही तापमान पर रखने के लिए मदर स्नेक अंडे के चारों ओर घेरा बनाती है. सांप को बचाने वाले अमीन अदकथबैल के मुताबिक सभी 24 अंडों से बच्चे निकल गए हैं. 15 बच्चों को जंगल में छोड़ दिया गया है.
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